रिटायर हुआ मिग-21, इसी विमान के ब्रेक, पैराशूट और इजेक्शन सीट पैराशूट को एडीआरडीई ने विकसित किया था। सोशील मीडिया।
जागरण संवाददाता, आगरा। भारतीय वायुसेना के पहले सुपरसोनिक जेट मिग-21 का आगरा से गहरा नाता रहा है। हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एडीआरडीई) ने 32 साल पूर्व स्वदेशी ब्रेक पैराशूट और इजेक्शन सीट पैराशूट विकसित किया था। दोनों श्रेणी के पैराशूट के सभी परीक्षण मलपुरा ड्रापिंग जोन में हुए थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस विमान ने भारत-पाकिस्तान के तीन युद्ध लड़े। जिसमें दुश्मनों के विमानों को मार गिराया। 62 साल की सेवा के बाद यह विमान शुक्रवार को भारतीय वायुसेना से रिटायर हो गया। चंडीगढ़ में हुए विदाई समारोह को देखकर एडीआरडीई के वैज्ञानिक भावुक हो गए।
तीन साल में बनकर तैयार हुआ था स्वदेशी पैराशूट
भारतीय वायुसेना ने सोवियत संघ से वर्ष 1963 में मिग-21 की खरीदे थे। यह देश का पहला सुपरसोनिक विमान था। वर्ष 1993 में तीन साल की मेहनत के बाद एडीआरडीई के वैज्ञानिकों ने पैराशूट को विकसित किया। सबसे पहले ब्रेक पैराशूट बनाया गया। इजेक्शन सीट पैराशूट को भी बनाया गया। इसके सभी परीक्षण मलपुरा ड्रापिंग जोन में हुए।
62 साल की सेवा के बाद भारतीय वायुसेना ने रिटायर हुआ पहला सुपरसोनिक जेट
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिकों की मौजूदगी में हुए परीक्षण सफल रहे। सफल परीक्षण के बाद आयुध पैराशूट फैक्ट्री, कानपुर द्वारा दोनों श्रेणी के पैराशूट तैयार किए गए। मिग-21 विमानों में पहली बार स्वदेशी पैराशूट का प्रयोग किया गया।dehradun-city-general,Aadhaar card update,life certificate,pensioners life certificate,Dehradun,post office camp,Aadhaar rectification,CSC center,biometric update,Aadhaar card,Aadhaar camp,uttarakhand news
पूर्व निदेशक डॉ. एके सक्सेना ने बताया कि पहले सुपरसोनिक जेट के दोनों पैराशूट तरीके के पैराशूट को एडीआरडीई वैज्ञानिकों ने विकसित किया था। 62 साल की सेवा के बाद जेट रिटायर हो गया।
क्या है ब्रेक पैराशूट
यह विमान के पिछले हिस्से में लगता होता है। छोटे रनवे में उतरने के दौरान ब्रेक पैराशूट को खोल दिया जाता है। ब्रेक पैराशूट में दो पैराशूट होते हैं। यह पैराशूट एक साथ खुलते हैं। इससे विमान की गति नियंत्रित होती है और आसानी से रुक भी जाता है।
क्या है इजेक्शन सीट पैराशूट
सुपरसोनिक जेट विमान में पायलट सीट में पैराशूट लगता होता है। पायलट सीट को इजेक्शन सीट भी कहते हैं। सीट पायलट को विमान से बाहर निकलती है। आपात स्थिति में पायलट द्वारा जैसे ही एक बटन को दबाया जाता है इजेक्शन सीट हवा में 100 से 150 मीटर तक ऊपर चली जाती है। कुछ देर के बाद पैराशूट खुल जाता है और पायलट की आसानी से लैंडिंग हो जाती है।
मिलना चाहिए पैराशूट
एडीआरडीई को यादगार लम्हा के रूप में शुक्रवार को रिटायर हुए मिग-21 का ब्रेक और इजेक्शन सीट पैराशूट मिलना चाहिए। यह वैज्ञानिकों के लिए बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है।
अभ्यास में आगरा में आए हैं मिग-21 : आगरा वायुसेना स्टेशन में भारतीय वायुसेना द्वारा नियमित अंतराल में अभ्यास किया जाता है। हर साल अभ्यास में मिग-21 आते रहे हैं।
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