हाईटेक परीक्षा करवाने वाले आयोग व सिस्टम की तैयारियों पर उठने लगे हैं सवाल। जागरण आर्काइव
सोबन सिंह गुसांई, जागरण देहरादून। 2021 में नकल प्रकरण ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएससी) से लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। नकल माफिया हाकम सिंह सहित करीब 82 आरोपितों को जेल भेजा। इसके बाद सरकार ने प्रदेश में सख्त नकल कानून बनाया, लेकिन बड़ी परीक्षाओं के दौरान संसाधन उपलब्ध कराने की जहमत नहीं उठाई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हाल यह हैं कि 21 सितंबर को हुई यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय (समूह ग) की परीक्षा की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए खालिद परीक्षा केंद्र में मोबाइल ले गया और उसका इंटरनेट परीक्षा शुरू होने के बाद भी 11:30 बजे तक चल रहा था। एसटीएफ उत्तराखंड ने जब परीक्षा केंद्र के आसपास लगे टावर से काल डिटेल व इंटरनेट का डाटा संबंधित कंपनियों से मंगवाया तो इस बात की जानकारी मिली।
यही नहीं परीक्षा को निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए बायोमेट्रिक व जैमर लगाने वाले कर्मचारी 400 से 500 रुपये की दिहाड़ी पर लाए गए थे। बताया जा रहा है कि यह कर्मचारी कोई 10वीं तो कोई 12वीं पास है। इन्हें बायोमेट्रिक व जैमर लगाने का प्रशिक्षण भी यू ट्यूब पर दिया गया जबकि इसकी तकनीकी जानकारी नहीं दी गई।
परीक्षा केंद्रों में लगाए गए जैमर भी ऐसे थे कि कई जैमरों में प्लग भी नहीं थे और जैमर के तार ऐसे ही लगाए हुए थे जोकि हवा के झोंके से हिलकर बाहर आ सकते थे। अब जांच शुरू हुई तो यह बात भी सामने आ रही है कि कई केंद्रों में जैमर ही नहीं लगाए गए।ranchi-general,Ranchi News, Ranchi Latest News, Ranchi News in Hindi, झारखंड, मुख्य सचिव, अलका तिवारी, सेवानिवृत्ति, नए मुख्य सचिव की नियुक्ति, अविनाश कुमार, अजय कुमार सिंह, आईएएस तबादला, रांची सचिवालय, प्रशासनिक फेरबदल, Jharkhand, Chief Secretary, Alka Tiwari, Retirement, New CS Appointment, Avinash Kumar IAS, Ajay Kumar Singh IAS, Ranchi, Administrative Reshuffle, Top Bureaucrat, IAS Transfer News,Jharkhand news
परीक्षा केंद्रों की जांच पर भी उठ रहे हैं सवाल
हरिद्वार स्थित बहादुरपुर जट स्थित आदर्श बाल सदन इंटर कालेज से पेपर लीक होने के बाद अब अन्य परीक्षा केंद्रों पर भी सवाल उठने लगे हैं।
पुलिस जांच में बायोमेट्रिक, जैमर लगाने वाली कर्मियों के साथ-साथ केंद्र का स्टाफ भी पुलिस की रडार पर है। जिस कक्ष में मुख्य आरोपित खालिद पेपर दे रहा था, उसमें जैमर लगा ही नहीं था। हालांकि, अभी तक जैमर न लगाने को लेकर पुलिस किसी भी कर्मचारी को आरोपित नहीं बना पाई है।
अब तक दो गिरफ्तार, चार हो चुके हैं निलंबित
पेपर लीक प्रकरण में जांच के लिए बनाई गई एसआइटी मुख्य आरोपित खालिद व उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार कर चुकी है।
वहीं, पेपर साल्वर असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन परीक्षा केंद्र में तैनात दो पुलिसकर्मी व सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में हरिद्वार में तैनात ग्राम्य विकास अभिकरण के जिला परियोजना निदेशक एनके तिवारी को निलंबित किया जा चुका है।
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