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आगरा-मेरठ समेत पश्चिमी यूपी के ये 17 जिले अब नोएडा से होंगे नियंत्रित! क्या होने जा रहा बड़ा बदलाव?

deltin33 5 day(s) ago views 1014

  



राजीव सक्सेना, कानपुर। प्रदेश में रजिस्ट्रार आफ कंपनीज (आरओसी) कार्यालय अब कानपुर के अलावा नोएडा में भी होगा। इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। एक जनवरी, 2026 से इसका संचालन किया जाएगा।

अभी कानपुर स्थित कार्यालय से पूरे प्रदेश को संचालित किया जाता है। नई व्यवस्था में नोएडा कार्यालय को पश्चिम के 17 जिले दिए जा रहे हैं। इस नई व्यवस्था से आरओसी कार्यालय के तमाम कार्य आसान हो जाएंगे। खासतौर पर निरीक्षण, पूछताछ और जांच के कार्य। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

कानपुर में प्रदेश भर में जितनी भी कंपनी बनती हैं, उनका नियंत्रण रजिस्ट्रार आफ कंपनीज का कार्यालय करता है। रजिस्ट्रार आफ कंपनीज कार्यालय कंपनियों की मर्जर रिपोर्ट पर अपनी मुहर लगता है। जो कंपनियां अपना आइपीओ ला रहीं हैं, उनको स्वीकृति देता है। कंपनी के विस्तार की स्वीकृति व प्रमाणित कापी देने का काम करता है।

इसके अलावा कंपनियां ठीक से अपनी औपचारिकताओं को पूरा कर रही हैं या नहीं, इसके लिए निरीक्षण, पूछताछ और जांच का काम भी करता है। पूरे प्रदेश का काम होने की वजह से कानपुर कार्यालय पर काफी दबाव रहता है। वहीं नोएडा, गाजियाबाद समेत पश्चिम उत्तर प्रदेश में काफी तेजी से कंपनियां बनने की वजह से वहां काम बढ़ता जा रहा है।

इतना ही नहीं पश्चिम उत्तर प्रदेश के जिलों से कंपनियों के अधिकारियों को अपने कार्यों के लिए काफी दूर आना पड़ता है। इसे देखते हुए भी नोएडा में रजिस्ट्रार आफ कंपनीज का कार्यालय खोलने का निर्णय लिया गया ताकि पश्चिम उत्तर प्रदेश की कंपनियों को भी राहत मिल सके और उनके कार्य वहीं हो सकें।

नोएडा में जो कार्यालय एक जनवरी 2026 से शुरू होगा उसमें आगरा, अलीगढ़, बागपत, बुलंदशहर, एटा, फिरोजाबाद, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, कासगंज, मैनपुरी, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली जिले जोड़े जा रहे हैं। बाकी जिले कानपुर से जुड़े रहेंगे।

इस संबंध में भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के कानपुर चैप्टर के पूर्व चेयरमैन गोपेश साहू ने बताया कि प्रदेश में दो कार्यालय बनने से कानपुर कार्यालय पर काम का दबाव कम होगा।

साथ ही उसकी निरीक्षण, पूछताछ व जांच की जो प्रक्रिया होती है, वह भी तेज होगी। नोएडा में कंपनियां सबसे तेजी से बढ़ रही हैं, इसलिए वहां कार्यालय की जरूरत महसूस की जा रही थी ताकि वहां की कंपनियों के अधिकारियों की भागदौड़ खत्म हो और वे आसानी से अपना काम करा सकें।
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