सरकारी नौकरी की घोषणा पर सिखों ने जताया मुख्यमंत्री का आभार। फोटो सीएम एक्स
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सिख समाज एक बहादुर कौम है, जिसने धर्म की रक्षा के लिए सिर कटा दिए, लेकिन झुके नहीं। 1984 सिख दंगों में पीडित परिवारों की पीड़ा हमारी पीड़ा है और सिख समाज का संघर्ष हम सब के लिए प्रेरणादायी है। उनका आत्म-सम्मान सर्वोपरि है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को संत कबीर कुटी पहुंचे सिख समाज के लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा के मानसून सत्र में 1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए 121 लोगों के परिवारों के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा पर सिख प्रतिनिधियों ने आभार जताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस सिख समाज ने देश व धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, उसी समाज को वर्ष 1984 में निर्दयता से जख्मी किया गया। उस त्रासदी को कभी भुलाया नहीं जा सकता। हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी परिवार को न्याय से वंचित न रहना पड़े।
प्रदेश में किसी भी नागरिक के साथ, उसकी जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्र के आधार पर अन्याय नहीं होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव‘ में गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश वर्ष को देश-भर में मनाया तथा उनकी स्मृति में डाक टिकट और एक सिक्का भी जारी किया गया। दशम पातशाह गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों जोरावर सिंह और फतेह सिंह के शहीदी दिवस को हर वर्ष ‘वीर बाल दिवस‘ के रूप में मनाने का निर्णय लिया। samastipur-general,Samastipur news,Bihar weather update,Agriculture advisory,North Bihar farming,Gundhi bug control,Cauliflower cultivation,Brinjal pest management,Crop management,Weather forecast,Rajendra Prasad Agriculture University,Bihar news
हरियाणा में गुरु नानक देव का 550वां प्रकाश पर्व, गुरु गोबिंद सिंह का 350वां प्रकाश पर्व हो या करतारपुर कारिडोर की शुरुआत, हर कदम पर हमारी डबल इंजन सरकार ने श्रद्धा और सम्मान के साथ काम किया है। दिसंबर 2022 में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति की स्थापना की गई। इससे सिख समुदाय को स्वायत्तता मिली है।
सिरसा स्थित गुरुद्वारा चिल्ला साहिब को 70 कनाल भूमि स्थानांतरित की गई। यमुनानगर में बनने वाले मेडिकल कालेज का नाम गुरु तेग बहादुर सिंह और असंध के कालेज का नाम गुरु गोबिंद सिंह के छोटे बेटे बाबा फतेह सिंह जी के नाम पर रखा गया है।
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