उत्तर बिहार में शुष्क रहेगा मौसम, हल्की वर्षा की संभावना
संवाद सहयोगी, पूसा। उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के से मध्य बादल छाए रह सकते हैं। आमतौर पर मौसम शुष्क रहने की संभावना है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉ. ए. सत्तार ने बताया कि 30 सितंबर-01 अक्टूबर को कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है। अगले 4 दिनों में अधिकतम तापमान 34-36 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। न्यूनतम तापमान 27-29 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहेगा। इस दौरान 7 से 10 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से पूर्वा हवा चलने की संभावना है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विज्ञानियों ने किसानों को दिए सुझाव:
धान की फसल जो दुग्धावस्था में आ गई हो उसमें गंधी बग कीट की निगरानी करें। यह कीट प्रारंभ में धान की कोमल पत्तियों तथा तनों का रस चूसते हैं जिससे पत्तियां पीली होकर कमजोर हो जाती हैं तथा पौधों की बढ़वार बाधित हो जाती है। और वे छोटे रह जाते हैं। जब पौधों में बाली निकलती है तो यह बालियों का रस चूसना प्रारंभ कर देती है। इससे दाने खोखले एवं हल्के हो जाते हैं तथा छिलका का रंग सफेद हो जाता है।
धान की दुग्धावस्था में यह पौधों को अधिक क्षति पहुंचाती है। इससे उपज में काफी कमी होती है। नियंत्रण के लिए फालिडाल 10 प्रतिशत धूल का प्रति हेक्टेयर 10-15 किलोग्राम की दर से भूरकाव 8 बजे सुबह से पहले अथवा 5 बजे शाम के बाद बालियों पर करें।
धनबाल निकलने की अवस्था में जो मक्का की फसल आ गई हो उसमें 30 किलोग्राम नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर की दर से उपरिवेशन करें। कीट एवं रोग व्याधि की निगरानी फसल में नियमित रूप से करें। मटर, राजमा, मेथी, लहसुन, धनिया, राई एवं सूर्यमुखी फसलों के समय से बुआई के लिए खेतों की तैयारी करें। गोबर की सड़ी खाद 150-200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में अच्छी प्रकार बिखेरकर एवं जुताई कर मिला दें। यह खाद भूमि की जलधारण क्षमता एवं पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाती है।sultanpur-general,Sultanpur news,Sultanpur robbery,policemans house robbery,jewelry loot,crime news Sultanpur,Jamuwawa village crime,Bahraich policeman,Uttar Pradesh crime,Sultanpur police investigation,robbery case,up news,uttar pradesh news,up news in hindi,Uttar Pradesh news
फूलगोभी की पूसा अगहनी, पूसी, पटना मेन, पूसा सिन्थेटिक-1, पूसा शुभ्रा, पूसा शरद, पूसा मेधना, काशी कुवांरी एवं अर्ली स्नोवाल आदि किस्मों की रोपाई करें। फूलगोभी की पिछात किस्मों जैसे माघी, स्नोकिंग, पूसा स्नोकिंग-1, पूसा-2, पूसा स्नोवाल-16, पूसा स्नोवाल के-1 की नर्सरी में बुआई के लिए खेत की तैयारी शुरू करें। पत्तागोभी की प्राइड ऑफ इंडिया, गोल्डेन एकर, पूसा मुक्ता, पूसा अगेती एवं अर्ली ड्रम हेड किस्मों की बुआई नर्सरी में करें।
सब्जियों की नर्सरी में लाही, सफेद मक्खी व चूसक कीड़ों की निगरानी करें। ये कीट विषाणु जनित रोग के लिए वाहक का काम करते हैं। इससे बचाव के लिए इमिडाक्लोरोप्रिड दवा का 0.3 मी.ली. प्रति लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव आसमान साफ रहने पर हीं करें।
बैगन की फसल में तना एवं फल छेदक कीट की निगरानी करें। शुरुआती रोक-थाम के लिए बैगन की रोपाई के 10-15 दिनों बाद 1 ग्राम फ्युराडान 3 ग्रामी दानेदार दवा प्रति पौधा की दर से जड़ के पास मिट्टी में मिला दें।
खड़ी फसल में इस कीट का आक्रमण होने पर कीट से ग्रसित तना एवं फल की तुराई कर मिट्टी में गाड़ दें। यदि कीट की संख्या अधिक हो तो स्पिनोसेड 48 ई.सी./1 मी.ली. प्रति 4 लीटर पानी या क्वीनालफास 25 ई.सी. दवा का 1.5 मी.ली. प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
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