Leh Violence: लेह में आज से अगले दो दिन बंद रहेंगे सभी स्कूल-कॉलेज (एजेंसी फोटो)
डिजिटल डेस्क, जम्मू। Leh Violence: लेह में अभी भी हालात असामान्य हैं। लेह में गुरुववार को कर्फ्यू जारी रहा। इससे पहले सुरक्षाबलों के साथ झड़प में चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। इस प्रदर्शन में 40 लोग घायल है। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि अनियंत्रित भीड़ ने वाहनों को आग लगा दी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
केंद्रशासित प्रदेश के हालात को लेह के जिला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोनक ने शुक्रवार से दो दिन के लिए सभी सरकारी और निजी स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया है। जिलाधिकारी ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्र भी बंद रहेंगे।
एक पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि कर्फ्यू वाले इलाकों में स्थिति नियंत्रण में है। कहीं से भी किसी घटना की सूचना नहीं है। हालांकि, मौजूदा हालात को देखते हुए शुक्रवार से दो दिनों के लिए स्कूल बंद करने का एलान किया गया है।
सोनम वांगचुक ने छोड़ी भूख हड़ताल
हिंसा बढ़ने के कारण जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को अपनी पखवाड़े भर से चल रही भूख हड़ताल को बीच में ही छोड़ना पड़ा। उन्होंने हिंसा की निंदा की।
वांगचुक ने कहा कि यह लद्दाख के लिए सबसे दुखद दिन है। पिछले पांच सालों से हम जिस रास्ते पर चल रहे थे, वह शांतिपूर्ण था। उन्होंने युवाओं से अपील की कि ‘हिंसा तुरंत बंद करें क्योंकि यह हमारे आंदोलन को नुकसान पहुंचाती है।’gorakhpur-city-general,Gorakhpur News,Gorakhpur Latest News,Gorakhpur News in Hindi,Gorakhpur Samachar,pm,Gorakhpur News,Gorakhpur Latest News,Gorakhpur News in Hindi,Gorakhpur Samachar,UP International Trade Show,Kaushalya Devi Gorakhpur,Baba Gorakhnath Milk Producer,Yogi Adityanath Gorakhpur,Lakhpati Didi Scheme,Gorakhpur Women Empowerment,Uttar Pradesh news
हालांकि, केंद्र सरकार ने इस अशांति के लिए वांगचुक को ही जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि यह भीड़ द्वारा की गई हिंसा उनके ‘भड़काऊ बयानों’ से प्रेरित थी।
वहीं, वांगचुक ने गृह मंत्रालय के आरोपों को ‘बलि का बकरा बनाने की रणनीति’ बताया, जिसका उद्देश्य हिमालयी क्षेत्र की मूल समस्याओं से निपटने को टालना है। कार्यकर्ता ने कहा कि वह सख्त जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार होने के लिए तैयार हैं।
वांगचुक ने कहा, ‘वे चालाकी से किसी और को बलि का बकरा बना सकते हैं लेकिन वे बुद्धिमान नहीं हैं। इस समय हम सभी को ‘चालाकी’ की बजाय बुद्धिमत्ता की आवश्यकता है क्योंकि युवा पहले से ही निराश हैं।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ) |