यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।
बाबुल दीप, मुजफ्फरपुर। Bihar Assembly Election 2025: जिले की 11 विधानसभा सीटों पर 130 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इसमें क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर की कुछ नई पार्टियों के उम्मीदवार भी शामिल हैं। वहीं 63 निर्दलीय उम्मीदवार दमखम दिखाने को तैयार हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके अलावा दो नई पार्टियाें के उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमाएंगे। इसमें प्रमुख रूप से जनसुराज ने सभी 11 सीटों पर जबकि तेज प्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल (जेजेडी) ने दो सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारा है।
इन दलों ने जातीय समीकरण को भी साधने का प्रयास किया है। गायघाट और कुढ़नी से ही जेजेडी के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा 63 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं, जो बड़ी पार्टियों के वोट बैंक में सेंधमारी कर सकते हैं।
निर्दलीय उम्मीदवारों में पारू से सबसे चर्चित नाम विधायक अशोक कुमार सिंह का है, जो पिछले चार बार से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़कर वहां पर जीत दर्ज किए थे।
टिकट कटने पर उन्होंने भाजपा से बगावत कर दी है। यहां पिछले चुनाव में निर्दलीय और 2015 में राजद से चुनाव लड़ने वाले शंकर प्रसाद मैदान में हैं। दोनों बार वह दूसरे नंबर पर रहे।
एनडीए से रालोमो ने मदन चौधरी को उतारा है। पिछले चुनाव में वह यहां से चौथे नंबर पर रहे थे। उनके लिए अशोक सिंह बड़ी चुनाैती पेश करेंगे। वहीं जन सुराज से रंजना कुमारी मुकाबले को बहुकोणीय बना सकती हैं।
इसके अलावा मुजफ्फरपुर विधानसभा सीट पर कई निर्दलीय उम्मीदवार ऐसे हैं, जो सेंधमारी कर सकते हैं। यहां जनसुराज से डा. एके दास भी मैदान में हैं। यहां मुकाबला त्रिकोणीय या बहुकोणीय माना जा रहा है, मगर मतदान के 48 घंटे पहले तस्वीर कुछ स्पष्ट हो सकती है।
भाजपा से नया चेहरा रंजन कुमार मैदान में हैं। छह साल भाजपा के जिलाध्यक्ष रहने का अनुभव है। कांग्रेस से वर्तमान विधायक बिजेंद्र चौधरी भी मैदान में हैं। उनकी वोटों पर पकड़ है तो नाराजगी भी।
छोटे दल भी बिगाड़ सकते खेल
जिले में कुल 130 उम्मीदवारों में कई छोटे दल भी शामिल हैं। इनमें कई ऐसे नाम भी हैं, जो पहले भी लोकसभा अथवा विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा चुके हैं।
ये भी बड़ी पार्टियों के उम्मीदवारों का खेल बिगाड़ सकते हैं। कुढ़नी से राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी की टिकट पर लड़ रहे आलोक कुमार सिंह पिछले लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद तीसरे नंबर पर रहे थे।
हालांकि पिछले एक दशक से कोई बड़ा फेरबदल चुनाव परिणाम में देखने को नहीं मिला है या ऐसा कोई अप्रत्याशित परिणाम निकलकर सामने नहीं आया है। सिर्फ 2015 में बोचहां से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बेबी कुमारी ने जीत दर्ज की थी।
कोई भी उम्मीदवार नहीं
वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में वंचित बहुजन अघाड़ी, हिंदुस्तान संपूर्ण आजाद, जय महाभारत पार्टी, युवा क्रांतिकारी पार्टी, भारतीय संयुक्त किसान पार्टी, पिपुल्स पार्टी आफ इंडिया, राष्ट्रीय जन-जन पार्टी, भारतीय सबलोग पार्टी, सर्व समाज जनता पार्टी समेत दर्जनों ऐसी क्षेत्रीय पार्टियां हैं, जो पिछले चुनाव में तो थी। इस बार इनकी पार्टी और न इनके उम्मीदवार मैदान में दिख रहे हैं। |