जर्मन सेना के उपग्रहों पर रख रहा नजर रूस (सांकेतिक तस्वीर)
एपी, बर्लिन। जर्मन रक्षा मंत्री ने गुरुवार को कहा कि रूस जर्मन सेना द्वारा उपयोग किए जाने वाले दो उपग्रहों पर नजर रख रहा है। साथ ही उन्होंने पांच वर्षों में देश के अंतरिक्ष कार्यक्रमों में 41 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस बर्लिन में एक अंतरिक्ष सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दो रूसी लूच-ओलंप टोही उपग्रह दो इंटेलसैट उपग्रहों पर नजर रख रहे हैं।
पिस्टोरियस ने कहा कि रूस और चीन अंतरिक्ष युद्ध में शामिल होने की क्षमता रखते हैं और पहले से ही अंतरिक्ष में रणनीतिक ठिकानों पर कब्जा कर चुके हैं। वे उपग्रहों को जाम कर सकते हैं, बंद कर सकते हैं, उनमें हेरफेर कर सकते हैं या बाधित कर सकते हैं।\“\“ghaziabad-crime,Ghaziabad News,Ghaziabad Latest News,Ghaziabad News in Hindi,Ghaziabad Samachar,Ghaziabad News,Ghaziabad Latest News,Ghaziabad News in Hindi,Ghaziabad Samachar,suicide case Ghaziabad,blackmail suicide Ghaziabad,crime news Ghaziabad,Madhuban Bapudham suicide,police investigation Ghaziabad,FIR filed Ghaziabad,Uttar Pradesh news
जर्मन सेना पहले ही जैमिंग संबंधी हमलों का निशाना बन चुकी है। पिस्टोरियस ने कहा कि जब वह बोल रहे हैं उस समय 39 चीनी और रूसी टोही उपग्रह हमारे ऊपर उड़ रहे हैं और उनका अवलोकन रियल टाइम में प्रसारित किए जा रहे हैं। इसलिए आप जो कहते हैं, उसमें सावधानी बरतें।
\“जीपीएस जैमिंग क्या है\“
विमान रास्ता खोजने के लिए जीपीएस सिग्नल की मदद लेते हैं। इन सिग्नलों से छेड़छाड़ करके विमान को भटकाया भी जा सकता है। यूरोपीय संघ की अध्यक्ष ने हाल ही में ऐसी ही शिकायत की है। |