NEET-JEE जैसी परीक्षाओं में होंगे बड़े बदलाव
अरविंद पांडेय, जागरण, नई दिल्ली। मेडिकल में दाखिले से जुड़ी परीक्षा नीट-यूजी सहित जेईई मेन, यूजीसी नेट जैसी देश की बड़ी परीक्षाओं में अगले साल से कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल सकते है। इन परीक्षाओं के आयोजन का जिम्मा संभालने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) इनमें सुधार को लेकर तेजी से जुटी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इनमें परीक्षाओं के आयोजन के लिए परीक्षा केंद्रों के चयन से लेकर रीयल टाइम मॉनीटरिंग, आधार-आधारित वेरीफिकेशन, प्रश्नपत्रों में कठिनाई के स्तर को ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले छात्रों को ध्यान में रखकर तैयार करने जैसे दर्जनों उपाय शामिल है।
माना जा रहा है कि इन उपायों से परीक्षा की पूरी प्रक्रिया में और पारदर्शिता आएगा। एनटीए ने परीक्षाओं में सुधार के यह कदम डॉ के राधाकृष्णन समिति की सिफारिश के बाद बढ़ाए है। इनमें एक सिफारिश नीट परीक्षाओं की पेन-पेपर की जगह कंप्यूटर आधारित कराने की भी थी। हालांकि इस पर अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है लेकिन शिक्षा मंत्रालय व एनटीए को इसे कंप्यूटर के जरिए कराए जाने पर किसी भी तरह की आपत्ति भी नहीं है।
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नीट-यूजी का मामला स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़ा- शिक्षा मंत्रालय
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक नीट- यूजी का मामला स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़ा हुआ है, ऐसे में इसे लेकर कोई भी नीतिगत फैसला उसे ही लेना है। हालांकि कंप्यूटर के जरिए कराने से इसके फायदे व नुकसान को लेकर शिक्षा मंत्रालय व एनटीए एक अध्ययन भी करा रहा है। जिसमें जेईई मेन को कंप्यूटर के जरिए कराने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों पर पड़े प्रभाव और उससे पहले की स्थिति को आधार बनाया गया है।
मंत्रालय से जुड़े अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक हाल ही में नीट-यूजी, जेईई मेन जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों की कोचिंग पर बढ़ती निर्भरता को खत्म करने के लिए जिस तरह से चिंता सामने आयी है, उसका असर भी आने वाली परीक्षाओं पर दिखाई दे सकता है।
इनमें प्रश्न पत्रों को कुछ इस तरह से तैयार करने की कोशिश भी है, ताकि स्कूलों में की गई पढ़ाई से ही बच्चे अच्छे नंबर हासिल कर सके। गौरतलब है कि एनटीए में सुधार को लेकर राधाकृष्णनन समिति की गठन 2024 में नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी सामने आने के बाद किया गया था। समिति ने इसे लेकर काफी सिफारिशें की थी।
परीक्षाओं में सुधार का दिशा में उठाए गए प्रमुख कदम
- परीक्षा केंद्र सिर्फ सरकारी स्कूलों में ही होंगे। वह भी डीएम की सहमति से ही बनेंगे।
- प्रश्न पत्रों के परिवहन की व्यवस्था को फुल प्रूफ होगी।
- उसे सुरक्षित माध्यमों से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने और ऑनलाइन ट्रैकिंग की व्यवस्था होगी।
- प्रत्येक परीक्षा केंद्र की रीयल टाइम मानीटरिंग होगी। जिसका ट्रायल हो चुका है।
- आवेदन के दौरान आधार-आधारित वेरीफिकेशन अनिवार्य होगा।
- नीट-यूजी परीक्षा के दौरान छात्रों की बायोमैट्रिक जांच अनिवार्य हो सकती है।
- एनटीए में स्थाई अमले की संख्या में बढ़ोतरी की गई।
- परीक्षा में सुधार को लेकर छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों व संस्थानों से फीडबैक लिया जाएगा।
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