सूर्यकुमार यादव ने आरोप स्वीकार नहीं किए। इमेज- पीटीआई
अभिषेक त्रिपाठी, जागरण दुबई : 2008 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बार्डर-गावस्कर ट्रॉफी का सिडनी टेस्ट आपको याद होगा। उसमें एंड्रयू सायमंड्स को आउट करने के बाद हरभजन सिंह के जश्न को लेकर जिस तरह आस्ट्रेलियाई टीम ने बवाल काटा था, उसे भला कौन भूल सकता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सायमंड्स ने हरभजन सिंह पर उन्हें मंकी (बंदर) कहने का आरोप लगाया था। भारतीय टीम ने आरोपों को नकारा, जिसके बाद आईसीसी को इस मामले की सुनवाई करनी पड़ी। इस पूरे प्रकरण को \“मंकीगेट\“ कहा गया। इस मामले में हरभजन सिंह पर जुर्माना लगाया गया और कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई। ठीक 17 साल बाद भारतीय क्रिकेट को एक बार फिर \“मंकीगेट\“ की तरह \“पीसीगेट\“ का सामना हुआ।
दरअसल, पीसीबी ने आईसीसी से 14 सितंबर को भारत-पाकिस्तान के बीच हुए मैच के बाद और प्रेस काफ्रेंस में सूर्यकुमार यादव के बयानों को लेकर दो शिकायतें दर्ज कराई थीं। सूर्य ने पाकिस्तान पर जीत को पहलगाम हमले के पीडि़तों को और सशस्त्र बलों को समर्पित किया था। सूर्यकुमार ने पीसीबी के आरोपों को नकार दिया था, जिसके बाद गुरुवार को इस मामले में सुनवाई हुई, जिसमें सूर्यकुमार यादव, मैच रेफरी रिची रिचर्डसन, बीसीसीआई के कार्यकारी सीओओ हेमांग अमीन, सुमित मल्लापुरकर और पीसीबी के प्रतिनिधि शामिल हुए।
आईसीसी मैच रेफरी का आधिकारिक बायान नहीं आया है लेकिन सूत्रों से पता चला है कि सूर्य को आगे से ऐसे बयान न देने की हिदायत दी है। पीसीबी ने कड़ी कार्रवाई की मांग की थी लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया। पीसीबी की शिकायत के बाद मैच रेफरी ने बीसीसीआई को भेजे में मेल में कहा गया था कि सारी रिपोर्ट को देखने और सुबूतों को जांचने के बाद मै इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि सूर्य द्वारा दिए गए अनुचित बयान ने खेल की छवि को क्षति पहुंचाई है। इससे उनके विरुद्ध आरोप बनता है। इस मेल में कहा गया है कि सूर्य इस आरोप को नहीं मानते हैं तो इस पर सुनवाई होगी।
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क्या हुआ था मंकीगेट में
\“मंकीगेट\“ में भी तब मैच रेफरी रहे माइक प्रोक्टर ने सुनवाई की थी। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने हरभजन सिंह पर \“नस्ली\“ व्यवहार करने का आरोप लगाया था। इस पूरे मामले में हरभजन सिंह को पेश होना पड़ा था और सचिन तेंदुलकर तक को मैच रेफरी के सामने गवाही देनी पड़ी। इस मामले में हरभजन को दोषी ठहराते हुए तीन टेस्ट मैचों के प्रतिबंधित किया गया था, लेकिन जब बीसीसीआइ ने इस निर्णय के विरुद्ध कड़ी आपत्ति जताते हुए टूर से हटने की धमकी दी तो हरभजन की सजा को कम करते हुए उन पर केवल जुर्माना लगाया गया। हालांकि जांच में हरभजन के विरुद्ध सुबूत अपर्याप्त थे, लेकिन आस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड, टीम और मीडिया द्वारा मामले को अनावश्यक तूल दिया गया।
साहिबजादा और रऊफ पर होगी सुनवाई
बीसीसीआई की शिकायत पर आइसीसी के मैच रेफरी एंडी पायक्राफ्ट शुक्रवार को पाकिस्तानी खिलाड़ी हारिस रऊफ और साहिबजादा फरहान के विरुद्ध सुनवाई करेंगे। रऊफ ने रविवार को सुपर चार के मैच के दौरान \“जेट गिराने\“ का इशारा किया था, जबकि साहिबजादा ने अर्धशतक लगाने के बाद बल्ले से \“गन सेलिब्रेशन\“ किया था। इस पर बीसीसीआई ने आपत्ति जताते हुए आइसीसी ने आधिकारिक शिकायत की थी।
मोहसिन नकवी से बीसीसीआई नाराज
पीसीबी के चेयरमैन और एसीसी अध्यक्ष मोहसिन नकवी से बीसीसीआइर् बेहद नाराज है। नकवी ने बुधवार को एक्स पर क्रिस्टियानो रोनाल्डो का वीडियो पोस्ट किया था जिसमें वह गोल के बाद अपने विरोधियों को ट्रोल करते दिख रहे हैं। सऊदी अरब के अल नस्त्र क्लब से खेलने वाले रोनाल्डो भी उस वीडियो में कुछ उसी तरह का इशारा कर रहे हैं, जैसा रविवार को मैच के दौरान हारिस रऊफ ने \“जेट गिराने\“ का इशारा किया था।
बीसीसीआई का मानना है कि नकवी का यह पोस्ट हारिस के जश्न को सही ठहराने का प्रयास है, जो सरासर गलत है। बीसीसीआई सूत्रों का कहना है कि भले ही नकवी पीसीबी चेयरमैन और पाकिस्तान के गृहमंत्री हैं, लेकिन वह एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अध्यक्ष भी हैं। एसीसी में बीसीसीआई की बड़ी हिस्सेदारी है और नकवी का इस तरह का व्यवहार कहीं से भी ठीक नहीं है। |