जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। क्षेत्र में शनिवार को इस सीजन की अब तक की सबसे ठंडी सुबह रही। न्यूनतम तापमान गिरकर 17.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। तापमान में आई गिरावट के साथ ही सुबह और शाम के समय हल्की सर्दी का अहसास होने लगा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हवा में ठंडक घुलने लगी है, जिससे मौसम में बदलाव साफ महसूस किया जा सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल दिन का अधिकतम तापमान करीब 29.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक ठंडक और बढ़ेगी तथा सर्दी का असर और स्पष्ट होगा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह की सैर और देर शाम बाहर निकलने पर अब हल्की सर्दी महसूस होने लगी है। मौसम में आ रहे बदलाव से दिन सुहाने और रातें ठंडी होने लगी हैं। अलसुबह लोग अब हल्के गरम कपड़ों में भी नजर आने लगे हैं।
सरसों की बुवाई हुई शुरू
दिन का तापमान 30.0 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंचने के बाद अब क्षेत्र में सरसों की बुवाई शुरू होने लगी है। अक्टूबर में चना, जौ और सरसों की बुवाई होगी। इसके बाद नवंबर तापमान और गिरने के बाद गेहूं की बुवाई के लिए अनुकूल समय होगा।
सुबह-शाम की ठंड और प्रदूषण के कारण लोग पड़ रहे बीमार
मौसम में बदलाव और प्रदूषण लोगों को बीमार कर रहा है। इन दिनों सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में ओपीडी में सांस व अस्थमा के मरीजों की संख्या सामान्य दिनों की अपेक्षा बढ़ी है। वहीं सुबह और शाम के समय लोगों को छींक की समस्या आ रही है। गले में खराश और खांसी-जुकाम से भी लोग बेहाल हैं।
ऐसे में विशेषज्ञ रोगियों को एसी चलाकर नहीं सोने और सुबह-शाम अनावश्यक घर से बाहर घूमने से परहेज करने की सलाह दे रहे हैं। शुक्रवार को सुबह सात बजे से ही मरीजों के आने का सिलसिला शुरू हुआ। रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लंबी लाइनें लग गईं। आठ बजे से जांच शुरू हुई और एक बजे तक अस्पताल में भीड़ रही।
मेडिसिन विभाग से लेकर बाल रोग कक्ष और चर्म रोग कक्ष, गायगी, टीकाकरण और नेत्र रोग जांच कक्ष के बाहर मरीजों और तीमारदारों की लाइन लगी रहीं। दो बजे तक करीब 2200 मरीजों ने ओपीडी में जांच कराई। सबसे ज्यादा मरीज मेडिसिन विभाग और बाल रोग विशेषज्ञ कक्ष में रहें।
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. काजल ने बताया कि मौसम बदलने से बुखार, सर्दी और एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है। खानपान का विशेष ध्यान रखें। बाल रोग विशेषज्ञ ने बताया कि इन दिनों जरा सी लापरवाही से बच्चे बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। स्वजन से बच्चों को बाहर का फास्ट फूड, जंक फूड और ठंडे पानी का सेवन से परहेज कराने की सलाह दी जा रही है। |
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