जागरण संवाददाता, भागलपुर। बिहार विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही भागलपुर की सियासत में टिकट की टिकटिक शुरू हो गई है। जिले की गलियों से लेकर पार्टी दफ्तरों तक एक ही चर्चा है। इस बार किसे मिलेगा टिकट? सोमवार से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, लेकिन अब तक किसी भी दल ने प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऐसे में संभावित उम्मीदवारों की धड़कनें तेज हैं। जिन नेताओं का टिकट पक्का है, उन्होंने प्रचार कार्यालय सजाना, बैनर लगाना और समर्थकों से मीटिंग शुरू कर दी है, जबकि बाकी अब भी फोन और पैरवी के सहारे उम्मीद लगाए बैठे हैं।
भागलपुर जिले की सातों विधानसभा सीटों भागलपुर, कहलगांव, नाथनगर, गोपालपुर, सुल्तानगंज, पीरपैंती और बिहपुर में सियासी सरगर्मी चरम पर है। जो दावेदार फेवरेट माने जा रहे हैं, उनके यहां बधाई देने वालों की कतार लगने लगी है, जबकि बाकी अब भी फोन पर ऊपर तक पहुंच बनाने में जुटे हैं।
अगले कुछ दिनों में पार्टी सूची ही तय करेगी कि किसकी मेहनत रंग लाती है और किसे अगली बार तक इंतजार करना पड़ेगा। फिलहाल भागलपुर की सियासत पूरी तरह टिकटिया मोड में है। हर धड़कन टिकट पर टिकी है।
भागलपुर सीट पर कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा
भागलपुर सीट पर कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा सबसे आश्वस्त दिख रहे हैं। संगठन के भीतर से भी संकेत मिल चुका है कि टिकट में कोई बदलाव नहीं होगा। बाकी दलों में सस्पेंस कायम है।
भाजपा में पवन मिश्रा, रोहित पांडेय, अर्जित शाश्वत चौबे, प्रशांत विक्रम, दिलीप मिश्रा और डॉ. बसुंधरा लाल जैसे नाम चर्चा में हैं। सभी को किसी न किसी स्तर से भरोसा दिलाया गया है कि इस बार टिकट उन्हीं को मिलेगा।
कहलगांव में मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है। भाजपा से पवन यादव, कांग्रेस से प्रवीण सिंह कुशवाहा और जिलाध्यक्ष परवेज जमाल, आरजेडी से रजनीश यादव और जदयू से शुभानंद मुकेश दौड़ में हैं। सभी अपने-अपने कनेक्शन और समीकरण के सहारे पार्टी नेतृत्व तक पहुंच बना रहे हैं। यहां टिकट का फैसला आखिरी वक्त तक अटका रह सकता है।
सुल्तानगंज में ललित नारायण मंडल की दावेदारी मजबूत
सुल्तानगंज में जदयू के ललित नारायण मंडल की दावेदारी सबसे मजबूत बताई जा रही है, हालांकि अभी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। कांग्रेस में भी हलचल तेज है। ललन कुमार के अलावा आनंद माधव और राजेश मिश्रा भी टिकट की कतार में हैं।
आरजेडी से चंद्रशेखर यादव और वीआईपी पार्टी से अनंत कुमार उर्फ़ टुनटुन साह भी सक्रिय हैं। क्षेत्र में पोस्टर, बैनर और जनसंपर्क से माहौल पहले ही गर्म हो चुका है। हर दावेदार खुद को फाइनल मानकर प्रचार में उतर चुका है।
नाथनगर में सस्पेंस बरकरार
नाथनगर में भी सस्पेंस बरकरार है। आरजेडी विधायक अली अशरफ सिद्दीकी दोबारा मैदान में उतरने की तैयारी में हैं, वहीं डिप्टी मेयर सलाउद्दीन अहसन भी मजबूत दावेदार हैं। जदयू से पूर्व विधायक ळक्ष्मीकांत मंडल, महेश यादव, अजय यादव, और पप्पू मंडल, जबकि लोजपा (रामविलास) से मिथुन यादव, विजय यादव और अमर कुशवाहा सक्रिय हैं। यहां जातीय संतुलन और स्थानीय समीकरण टिकट के फैसले को प्रभावित कर सकते हैं।
गोपालपुर में जदयू विधायक गोपाल मंडल इस बार भी पूरे आत्मविश्वास में हैं। पार्टी में अंदरखाने नए चेहरे बुलो मंडल की चर्चा जरूर है, पर अभी तक कुछ तय नहीं। भाजपा से अनिल यादव, राजद से शैलेश कुमार और आर्यन यादव टिकट की दौड़ में हैं।
गोपालपुर की राजनीति हमेशा से उस रंगीन, बेबाक अंदाज के लिए जानी गई है जो चुनावी माहौल को और रोचक बनाती है। पीरपैंती सीट पर भाजपा से ललन पासवान, अमन पासवान, मनीष दास और मुरारी पासवान दावेदारी में हैं।
दोबारा चुनावी में उतरने को तैयार कुमार शैलेन्द्र
आरजेडी से पूर्व विधायक रामबिलास पासवान और संजय रजक भी जोर आजमा रहे हैं। जन सुराज पार्टी ने पहले ही घनश्याम दास को उम्मीदवार घोषित कर बाकी दलों पर दबाव बढ़ा दिया है। बिहपुर सीट पर 2020 में भाजपा के कुमार शैलेन्द्र ने जीत दर्ज की थी। इस बार भी वे दोबारा मैदान में उतरने की तैयारी में हैं।
आरजेडी और कांग्रेस दोनों अपने संभावित उम्मीदवारों पर मंथन में जुटे हैं। कांग्रेस भी इस सीट पर टकटकी लगाएं हुए है। जबकि राजद से स्थानीय नेता धर्मेंद्र यादव का नाम चर्चा में है। इलाके की सामाजिक बनावट और नदी किनारे के गांवों में सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता इस सीट को फिर से हॉट बना रहे हैं। |