अग्नि प्राइम न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण
लावा पांडे, बालेश्वर। भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने उड़ीसा के तट पर स्थित अब्दुल कलाम द्वीप के lc4 से न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम का सफल परीक्षण किया है । यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता 2000 किलोमीटर से ज्यादा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस मिसाइल को अगली पीढ़ी यानी कि आने वाली पीढ़ी की मिसाइल माना जाता है। इसे नेक्स्ट जेनरेशन का मिसाइल भी कहा जाता है। यह मिसाइल टेस्ट के दौरान यानी कि परीक्षण के दौरान सभी मानकों को पूरा किया।
अग्नि सीरीज की मिसाइलों में से यह बेहद घातक तथा अत्याधुनिक मीडियम रेंज की यानी कि मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल मानी जाती है। इस मिसाइल को भारत की स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड के तहत संचालित किया जाता है। इसे अग्नि पी के नाम से भी जाना जाता है ।
3000 किलोग्राम विस्फोटक ले जाने की क्षमता
इस मिसाइल की खासियत यह है कि इस पर एक या मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल रिएंट्री व्हीकल (एम आई आर वी) वारहेड लगा सकते हैं ,यानी कि यह मिसाइल एक साथ कई टारगेट या लक्ष्य पर हमला करने में सक्षम है। यह मिसाइल 1500 किलोग्राम से 3000 किलोग्राम वजन तक के वार हेड या फिर विस्फोटक ले जाने में सक्षम है।
यह मिसाइल उच्च तीव्रता वाले विस्फोटक थर्मोबैरिक या परमाणु हथियार ले जाने में पूरी तरह से सक्षम और सफल है । यह दो स्टेज के रॉकेट मोटर पर चलने वाली मिसाइल है । यह सॉलिड फ्यूल से उड़ने वाली मिसाइल मानी जाती है।noida-general,Noida News,Noida Latest News,Noida News in Hindi,Noida Samachar,Family Dispute Resolution,Marriage Counseling Noida,Greater Noida News,Domestic Dispute Resolution,Family Clinic Noida,Relationship Counseling,Uttar Pradesh news
अग्नि प्राइम मिसाइल अग्नि सीरीज की अन्य मिसाइलों से हल्की मिसाइल मानी जाती है। आज इसके परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों और वैज्ञानिकों का दल मौके पर मौजूद था।
कई बार किया गया परीक्षण
अग्नि प्राइम मिसाइल का परीक्षण सुबह ,शाम ,रात के समय भी कई कई बार अब्दुल कलाम द्वीप से किया जा चुका है। सूत्रों की मानें तो इस मिसाइल को जल्द ही सेना में शामिल किया जाएगा। अग्नि प्राइम मिसाइल का पिछले वर्ष 3 अप्रैल 2024 को रात्रि कालीन सफल परिक्षण किया गया था।
यहां उल्लेखनीय है कि भारतीय डीआरडीओ अपने सभी मिसाइल के परीक्षण के कार्यक्रम को काफी गुप्त तरीके से कर रहा है ,तथा जितने भी नई मिसाइल हो या फिर पुराने मिसाइल सभी मिसाइलो का समय के मांग के अनुसार उनमें आधुनिकरण किया जाता रहा है।
कई बार प्रहार करने की ताकत
चाहे विस्फोटक ढोने की ताकत हो, या फिर मारक क्षमता, या फिर एक बार के सिवा कई कई बार प्रहार करने की ताकत इन सभी विषयों पर भारतीय डीआरडीओ समय-समय पर परिवर्तन करता रहा है । सूत्रों की माने तो चंद दिनों के भीतर अग्नि सीरीज के और कई अत्याधुनिक मिसाइल का भारत परीक्षण करेगा ।
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ तथा आर्म्ड फोर्स को सफल परीक्षण के लिए बधाई दिया है | वहीं डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी कामत ने दी पूरे डीआरडीओ टीम, वैज्ञानिकों और आर्म्ड फोर्स को अग्नि प्राइम मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए बधाई दिया है | |