लेह में क्यों हिंसक हुआ आंदोलन, क्या सोनम वांगचुक को विदेश से मिली फंडिंग? पढ़ें इनसाइड स्टोरी

deltin33 2025-9-25 18:07:07 views 1157
  लद्दाख के लेह में हुए हिंसक प्रदर्शन में चार लोगों की मौत।





नवीन नवाज, श्रीनगर। लद्दाख को राज्य का दर्जा देने के साथ ही छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर विगत पांच वर्ष से जारी आंदोलन बुधवार को हिंसक हो उठा। चार लोगों की जान चली गई, एक दर्जन के करीब वाहन फूंके गए, तोड़े गए हैं। स्थिति पर काबू पाने के लिए प्रशासन को निषेधाज्ञा का सहारा लेना पड़ा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

जो भी यह सुन रहा है, या टीवी और इंटरनेट मीडिया पर लद्दाख मे हिंसा व आगजनी की तस्वीरें, वीडियो देख रहा है, वह हैरान हो रहा है, क्योंकि लद्दाख और लद्दाखियों को शांत प्रकृति का माना जाता रहा है।


अक्टूबर में केंद्र के साथ होनी थी बैठक

बुधवार को हुई हिंसा को बेशक अचानक कहा जाए, लेकिन पिछले कुछ समय से जिस तरह से वहां स्थानीय-बाहरी के मुद्दों को तूल दिया जा रहा है, उससे कोई भी कह सकता है कि हिंसा भड़की नहीं बल्कि लेह में अरब स्प्रिंग और नेपाल के जेनरेशन जेड जैसी स्थितियां पैदा करने के लिए भड़काई गई है, क्योंकि लद्दाखियो की विभिन्न मांगो को पूरा किया जा चुका था और राज्य के दर्जे व छठी अनुसूचि को लेकर बने गतिरोध को दूर करने के लिए भी अगले माह बैठक होने जा रही थी।



लद्दाख में चार जिलों के गठन की प्रक्रिया अपने अंतिम दौर में हैं जबकि लद्दाख में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण 45 प्रतिशत से बढ़ाकर 84 प्रतिशत किया गया है। पंचायतों में महिलाओं के लिए 1/3 आरक्षण दिया गया है। बोटी और पर्गी को आधिकारिक भाषा घोषित किया गया है।

इसके साथ ही 1800 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू की गई। अलग लोक सेवा आयोग के गठन पर भी विचार किया जा रहा है औ यह सब केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित हाई पावर कमेटी के साथ लद्दाख के विभिन्न संगठनों की अब तक हुई विभिन्न बैठकों में हुए समझौतों का ही नतीजा है।



यह बात किसी की भी समझ से परे है कि आखिर ऐसा क्या हुआ है कि छह अक्टूबर को लेह अपेक्स बाडी और केंद्र सरकार की हाई पावर कमेटी की बैठक से पहले हिंसा भड़क उठी। एलएबी के नेताओं के बयान भड़काऊ हो उठे। बैठक जल्द बुलाने की उनकी मांग पर भी केंद्र सरकार 25-26 सितंबर को बैठक के विकल्प पर विचार कर रही थी।
सोनम वांगचुक और कांग्रेस नेताओं पर लगा आरोप

हिंसा भड़काने में सोनम वांगचुक और कांग्रेस के कुछ स्थानीय नेताओं की भूमिका संदेह से परे नहीं कही जा सकती। यह दुराग्रहपूर्ण आरोप नहीं कहा जा सकता, क्योंकि लेह स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद में कांग्रेस के एक कांउसलर का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह भड़काऊ बयानबाजी कर रहे हैं और कथित तौर पर वह हिंसक प्रदर्शनकारियों की भीड़ में भी आगे नजर आए हैं।ghaziabad-crime,Ghaziabad news,Ghaziabad crime news,Domestic help theft,Jewelry theft Ghaziabad,Modinagar crime,Theft after vacation,House help robbery,Ghaziabad police investigation,Delhi-Meerut road crime,Sharda Palace theft,Uttar Pradesh news



पर्यावरणविद्ध सोनम वांगचुक जो विगत कुछ वर्षो से पर्यावरणविद्ध और समाजसेवी की अपनी कथित छवि की आड़ में खुलकर राजनीति कर रहे हैं, उनकी भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। कुछ समय पहले तक वह लद्दाख के पर्यावरण को बचाने के नाम पर अन्य राज्यों के लोगों का लद्दाख में तथाकथित विरोधकरते थे और चंद वर्षो से वह लद्दाख की सामाजिक-सांस्कृतिक मान्यताओं के संरक्षण के चैंपियन के रूप में खुद को पेश कर रहे हैं।


सोनम वांगचुक को विदेश से मिलने वाले चंदे पर उठे सवाल

उनकी एनजीओ को लेकर, विदेशों से उन्हें मिलने वाले चंदे पर भी कई बार सवाल उठे हैं। उन्होंने सैंकड़ों कनाल भूमि एक विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए कौड़ियों के दाम पर सरकार से ली, लेकिन वहां विश्वविद्यालय नहीं बना औ अंतत: सरकार ने वापस ले लिया। उनके संगठन की गतिविधियों की भी जांच हो रही है। इससे वह हताश नजर आ रहे थे।



उन्होंने लद्दाख में जारी आंदोलन के लिए अरुंधति राय को भी कथित तौर पर लेह में आमंत्रित किया है। वर्ष 2010 के दौरान कश्मीर घाटी में हुए हिंसक प्रदर्शनों को लेकर अरुंधति राय ने जो लिखा और प्रचार किया, वह भारतीय लोकतंत्र और मुख्यधारा के प्रति उनकी मानसिकता को स्पष्ट करता है। वह कश्मीर की आजादी की बात कर रही थी। इससे समझा जा सकता है कि सोनम वांगचुक का लद्दाख में जारी आंदोलन के साथ जुढना, किसी बड़े षडयंत्र का हिस्सा हो सकता है।



सोनम वांगचुक के विगत कुछ समय के बयान औ वीडियो देखे जाएं तो वह लद्दाख में अरब स्प्रिंग जैसे आंदोलन पर जोर देने के साथ-साथ नेपाल में जेनरेशन जेड के विरोध प्रदर्शनों की प्रशंसा कर रहे थे। इसलिए यह कोई स्वाभाविक विद्रोह नहीं था, यह पहले से योजनाबद्ध था। गलती उन युवाओं की नहीं है जिन्हें गुमराह किया गया और उनका शोषण किया गया।
हिंसा के बाद सोनम वांगचुक ने मीडिया से क्या कहा?

इस प्रकरण में सोनम वांगचुक का मीडिया को दिया गया एक बयान भी ध्यान देने योग्य है, जिसमें वह कहते हैं कि हमारे आंदोलनकारी कुछ भी वैसा नहीं करना चाहते हैं, जिससे देश को शर्मसार होना पड़े, इसलिए हम शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन को जारी रखना चाहते हैं। मतलब यह कि वह हिंसा के लिए तैयार हो चुके थे। सबसे बड़ी बात यह कि जब लेह जल रहा था, तो वह अपना अनशन समाप्त कर, शांति की एक अपील की परम्परा निभाकर चुपचाप अपने गांव चले गए।



श्रीनगर के पूर्व मेयर जुनैद अजीम मट्टू ने कहा कि लद्दाख हिंसा पर दुख जताते हुए कहा कि हिंसा किसी भी न्यायपूर्ण आंदोलन को खत्म करने का सबसे आसान तरीका है। इससे सिर्फ दुख और निराशा मिलेगी। इससे लद्दाख के लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को गलत ठहराने का एक आधार तैयार होगा। शांतिपूर्ण संघर्ष लंबा हो सकता है, लेकिन यह एकमात्र सही रास्ता है।
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments
deltin33

He hasn't introduced himself yet.

1210K

Threads

0

Posts

3810K

Credits

administrator

Credits
381135

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.