गाजियाबाद में मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के प्रयास जारी हैं। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। मोटे अनाज स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं और लोगों को इनका सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इस संबंध में अपील की है। उन्होंने बाजरे की खेती को बढ़ावा देने का भी आग्रह किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सरकार किसानों को मुफ्त बीज वितरित करती है, लेकिन जिले में 100 हेक्टेयर के लक्ष्य के मुकाबले अभी तक केवल 15 हेक्टेयर में ही बाजरे की खेती हो रही है। जिले के चार ब्लॉकों में से दो, राजापुर और भोजपुर के किसान बाजरे की खेती में रुचि नहीं ले रहे हैं। मुरादनगर और लोनी ब्लॉक के किसान वर्तमान में बाजरे की खेती कर रहे हैं।
बाजरा खरीफ मौसम की फसल है। इसमें ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो और साबूदाना शामिल हैं। मई में, कृषि विभाग ने किसानों को 1.20 क्विंटल ज्वार के बीज, 2.26 क्विंटल बाजरे के बीज, सात क्विंटल रागी के बीज, चार क्विंटल कोदो के बीज और पांच क्विंटल साबूदाना के बीज मुफ्त उपलब्ध कराए, जिससे वे लगभग 100 हेक्टेयर में बाजरे की खेती कर सके।kishanganj-crime,Kishanganj news,gold smuggling,DRI raid,Kishanganj,gold biscuits,currency recovered,smuggling network,arrested smugglers,customs act 1962,Bangladesh gold,Bihar news
वर्तमान में छह हेक्टेयर में ज्वार, आठ हेक्टेयर में बाजरा और एक हेक्टेयर में रागी की खेती हो रही है। कोदो और सवाना की खेती नगण्य है। उप कृषि निदेशक राम जतन मिश्रा ने बताया कि लोनी में आई बाढ़ से बाजरा किसानों की फसलों को भी नुकसान हुआ है।
उन्होंने बताया कि बाजरे में मैग्नीशियम और फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं। इनका सेवन करने से विकास और नींद अच्छी आती है। इसलिए लोगों को बाजरा खाना चाहिए। जैसे-जैसे बाजार में बाजरे की मांग बढ़ेगी, किसान भी बाजरे की खेती बढ़ाएँगे और इसके लिए जागरूकता फैलाई जा रही है। |