deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

Navratri 2025 Day 3 Katha: मां चंद्रघंटा की पूजा के समय जरूर करें इस कथा का पाठ, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम

LHC0088 2025-9-25 18:03:26 views 1177

  Navratri 2025 Day 3 Katha: मां चंद्रघंटा को कैसे प्रसन्न करें?





धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, बुधवार 24 सितंबर यानी आज शारदीय नवरात्र की तृतीया तिथि है। इस शुभ अवसर पर देवी मां दुर्गा की तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जा रही है। साथ ही नवरात्र के तीसरे दिन व्रत रखा जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

मां चंद्रघंटा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में सुखों का आगमन होता है। इसके अलावा, घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। अतः साधक श्रद्धा भाव से देवी मां चंद्रघंटा की पूजा करते हैं। हालांकि, मां चंद्रघंटा की पूजा कथा के बिना अधूरी है। इसके लिए मां  चंद्रघंटा की पूजा के समय इस कथा का पाठ अवश्य करें।


मां चंद्रघंटा की व्रत कथा

चिर काल में महिषासुर का आतंक तीनों लोक में फैल गया था। इससे स्वर्ग लोक में त्राहिमाम मच गया। महिषासुर स्वर्ग को जीतकर अपना अधिपत्य स्थापित करना चाहता था। यह सोच महिषासुर ने स्वर्ग पर आक्रमण किया। इस युद्ध में देवताओं ने स्वर्ग नरेश इंद्र का साथ दिया। वहीं, दानवों ने महिषासुर के लिए युद्ध लड़ा।

इस युद्ध में देवताओं के साथ इंद्र को पराजय का सामना करना पड़ा। इंद्र समेत सभी देवता स्वर्ग से बेघर हो गए। सभी ब्रह्मा जी के पास पहुंचे। जहां ब्रह्मा जी ने विष्णु जी के पास जाने की सलाह दी। सभी विष्णु जी के पास गए और महिषासुर के आतंक की कहानी सुनाई। भगवान विष्णु ने देवताओं की बात ध्यान से सुनी। इसके बाद उन्होंने कहा कि हम सभी को भगवान शिव के पास जाना चाहिए। सभी लोग कैलाश पहुंचे।

lagna kundli, appearance, personality, future, lagna kundli prediction, lagna kundli importance

उस समय त्रिदेव की तेज से एक शक्ति प्रकट हुईं। देवताओं ने देवी मां चंद्रघंटा का अभिवादन किया। मां के जयकारे से तीनों लोक गूंज उठा। तब भगवान विष्णु, शिवजी और ब्रह्मा जी ने देवी मां को अस्त्र-शस्त्र प्रदान किये। इसके बाद देवी मां ने हुंकार भरी और महिषासुर को युद्ध के लिए ललकारा।

महिषासुर और देवी मां चंद्रघंटा के मध्य भीषण युद्ध हुआ। इस युद्ध में महिषासुर की हार हुई। उस समय मां चंद्रघंटा ने महिषासुर का वध कर तीनों लोक को भय मुक्त किया। सभी देवी-देवताओं ने देवी मां चंद्रघंटा का भव्य स्वागत किया।



यह भी पढ़ें- Shardiya Navratri 2025: नवरात्र के तीसरे दिन जरूर करें ये काम, मिलेगी मां चंद्रघंटा की कृपा

यह भी पढ़ें- Shardiya Navratri 2025: कैसे और कब हुई शारदीय नवरात्र की शुरुआत, यहां जानें इस पर्व का महत्व



अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

610K

Credits

Forum Veteran

Credits
68356