अमृतसर में स्थापिकत होगी एनसीडीसी की ब्रांच
नितिन धीमान,अमृतसर। पंजाब सहित पूरे देश में संक्रामक रोगों का खतरा तीव्रता से बढ़ रहा है। कोरोना के बाद एचएमपीवी, हैपेटाइटिस सी, डेंगू, चिकनगुनिया जैसे सैकड़ों ज्ञात एवं अज्ञात वायरस हवा में तैर रहे हैं और मनुष्य जीवन को क्षति पहुंचा रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इन वायरसों की भयावहता एवं जांच के लिए सरकार द्वारा अमृतसर के मानांवाला में केंद्रीय रोग नियंत्रक एवं रोकथाम केंद्र एनसीडीसी की शाखा स्थापित करने की योजना तैयार की गई है। प्रस्तुत योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग पंजाब ने एनसीडीसी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानांवाला में एनसीडीसी की राज्य शाखा की स्थापना होगी।
यह शाखा राज्य में संक्रामक रोगों की निगरानी, जांच और रोकथाम में केंद्रीय भूमिका निभाएगी। इसका प्रमुख उद्देश्य प्रदेश में बढ़ती जनसंख्या में तेजी से फैलते नए संक्रामक रोगों से निपटने के लिए स्वास्थ्य ढांचे को सशक्त बनाना है। एनसीडीसी की यह राज्य शाखा डिजीज सर्विलांस सिस्टम को तकनीकी रूप से मजबूत बनाएगी। किसी भी रोग के फैलाव से पहले उसके संकेतों की पहचान कर पाना और समय रहते उसका नियंत्रण कर पाना इस केंद्र की प्राथमिकता होगी।
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यह केंद्र किसी भी प्रकोप की जांच और जवाबी कार्रवाई की दिशा में राज्य स्वास्थ्य विभाग की मदद करेगा। साथ ही, इसके माध्यम से स्वास्थ्य कर्मियों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे स्थानीय स्तर पर ही रोगों की पहचान और प्रबंधन संभव हो सकेगा। दरअसल, एनसीडीसी का मुख्य कार्य सर्वे का होगा। उदाहरण के तौर पर किस क्षेत्र में कौनसी बीमारी का प्रसार अधिक है अथवा किस प्रकार के वायरस लोगों को अपना शिकार बना रहे है, इसकी जांच की जाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 महामारी के बाद संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए यह अत्यावश्यक कदम है। कोरोना महामारी ने भारत समेत पूरी दुनिया को यह सिखाया कि किसी भी बीमारी का फैलाव कितनी तेजी से वैश्विक संकट का रूप ले सकता है। पंजाब राज्य सरकार अब इस अनुभव के आधार पर भविष्य में किसी भी संभावित महामारी के खतरे से निपटने के लिए तैयार हो रही है।
एनसीडीसी की नई शाखा की स्थापना से प्रदेश को बाहरी सहायता पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। रोगों की निगरानी और नियंत्रण के लिए आवश्यक डाटा संग्रहण, विश्लेषण और तत्काल निर्णय अब राज्य स्तर पर ही लिए जा सकेंगे। इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
यह केंद्र केवल रोगों की निगरानी और नियंत्रण तक ही सीमित नहीं रहेगा, अपितु आम जनता को संक्रामक रोगों से बचाव के लिए जागरूक करने और स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण देने का भी कार्य करेगा। इस पहल में स्थानीय निकायों, स्कूलों, एनजीओ और पंचायतों को भी जोड़ा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार एनसीडीसी के संचालन के लिए अत्याधुनिक लैब, सर्विलांस नेटवर्क और एक प्रशिक्षित टीम की व्यवस्था की जा रही है। |