नगर निगम की ओर से अधिकृत एजेंसी ने कर संबंधी साफ्टवेयर में किया सुधार
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। नगर निगम की ओर से अधिकृत एजेंसी के द्वारा साफ्टवेयर में बदलाव कर संपत्ति कर के एरियर में सुधार का काम शुरू कर दिया गया है। अब लोगों को एरियर में सुधार के लिए नगर निगम में चक्कर नहीं लगाना होगा। लेकिन, साफ्टवेयर की प्रोग्रामिंग में बदलाव के बाद यह फायदा केवल उन लोगों को ही मिल रहा है, जिनके बिल में आपत्ति के बाद सुधार हुआ है। बिल में सुधार कराने वाले लोगों की संख्या में बहुत ही कम है। ऐसे में जिन लोगों को आपत्ति कर अपने संपत्ति कर में सुधार नहीं कराया है, उन्हें इसका फायदा नहीं मिलेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नगर निगम क्षेत्र में संपत्ति कर देने वालों की संख्या करीब 1.65 लाख है। करीब चार वर्ष पहले संपत्ति कर को लेकर किसी तरह की आपत्ति नहीं आती थी, लेकिन जीआइएस सर्वे के बाद निर्धारित कर के बाद तो आपत्तियों की बाढ़ आ गई। कई हजार लोगों ने सर्वे के बाद निर्धारित कर के संबंध में आपत्ति की। निगम की ओर से इसमें लगातार सुधार किया गया।
इस सुधार के दौरान निगम के दौरान वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के एरियर में कोई सुधार नहीं किया गया। लोगों और पार्षदों की आपत्ति के बाद एजेंसी ने साफ्टवेयर के प्रोग्रामिंग में बदलाव कर दिया है।
इस बदलाव का फायदा उन लोगों को ही मिलेगा, जिन लोगों की संपत्ति कर संबंधी बिल में आपत्ति के बाद सुधार हुआ है। दरअसल नगर निगम के द्वारा वार्षिक किराया मूल्य (एआरवी) के अनुसार वर्तमान बिल में तो संशोधन कर दिया गया है, लेकिन पिछले दो वर्ष के एरियर में इसका लाभ नहीं मिल रहा था।
ब्लाक चेन साफ्टवेयर आधारित है निगम का संपत्ति कर संबंधी सिस्टम
संपत्ति कर संबंधी नगर निगम का सिस्टम ब्लाक चेन साफ्टवेयर आधारित है। इसमें किसी भी प्रकार के छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। निगम के आदेश के बाद एजेंसी के द्वारा साफ्टवेयर में बदलाव कर दिया गया है।
नगर निगम के द्वारा डाटा उपलब्ध कराने के बाद शहरी क्षेत्र के करीब 1.65 लाख लोगों का डाटा बदले हुए साफ्टवेयर के साथ फीड कर दिया गया है। इससे आपत्ति के बाद जिन भी लोगों का वार्षिक संपत्ति कर में सुधार हुआ है, उन सभी के एरियर में बदलाव हो गया है।
एजेंसी से जुड़े कर्मचारियों का कहना है कि एरियर संबंधी गड़बड़ी को दुरुस्त कर दिया गया है। अब किसी को एरियर संबंधी गड़बड़ी को दूर कराने के लिए निगम में नहीं आना होगा।
जिन लोगों को भी संपत्ति कर को लेकर आपत्ति थी। उनका निस्तारण कर दिया गया है। एरियर में भी छूट संबंधी बदलाव कर दिया गया है। आपत्ति करने वाले लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
-दुर्गेश मिश्रा, अपर नगर आयुक्त
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इस तरह स्वयं कर सकते हैं संपत्ति कर की गणना
शहर का किसी भी व्यक्ति को ऐसा लगता है कि निगम के द्वारा निर्धारित संपत्ति कर सही नहीं है तो वह खुद भी इसमें सुधार कर सकता है। स्वकर निर्धारण के लिए निगम की वेबसाइट http://gorakhpurnagarnigam.up.gov.in/selfassissmentform.aspx पर आवेदन किया जा सकता है।
इस तरह स्वयं कर सकते हैं संपत्ति कर की गणना
भवन के कुल आच्छादित क्षेत्रफल का 80 प्रतिशत भवन का कारपेट एरिया माना जाएगा।
कारपेट एरिया = सभी कमरों व आच्छादित बरामदों का पूर्ण आंतरिक आयाम 1/2 (समस्त बालकनी, कारीडोर, रसोई, भंडार गृह का आयाम) 1/4 (समस्त गैराज का आंतरिक आयाम)। स्नानगृह, शौचालय, पोर्टिको और जीने से आच्छादित क्षेत्रफल कारपेट एरिया का भाग नहीं हाेता है।
सड़क की चौड़ाई के हिसाब से भी निर्धारित होता है कर
भूखंड/भवन किस चौड़ाई की सड़क किनारे स्थित है उसके आधार पर निर्धारित होता है। 12 मीटर/ 12 मीटर से अधिक 24 मीटर तक चौड़ी सड़क पर व 24 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क पर सर्किल रेट के हिसाब से क्रमश: 70 पैसे तक 1.25 प्रतिशत तक, 80 पैसे से 1.50 रुपये तक और एक से दो रुपये तक निर्धारित होता है।
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भवन निर्माण की प्रकृति
पक्का भवन आरसीसी/आबीसी छत (ए श्रेणी), पक्का भवन- दीवारें पक्की किंतु छत आरसीसी व आबीसी न हो (बी श्रेणी), कच्चा भवन (सी श्रेणी)
भवन का वार्षिक मूल्यांकन
- स्वकर के लिए आंकलित कर की प्रति वर्ग फुट दर को कारपेट एरिया से गुणा करने पर आए मासिक दर को 12 से गुणा करने पर आयी धनराशि वार्षिक मूल्यांकन होगा।
- आपके भवन से 200 मीटर परिधि के अंदर यदि पेयजल की आपूर्ति है तो 12 प्रतिशत जलकर देय होगा।
- आपके भवन से 100 मीटर परिधि के अंदर यदि सीवर लाइन है तो 3 प्रतिशत सीवरकर देय होगा।
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