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राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष व मंदिर के ट्रस्टी नृपेंद्र मिश्र
जागरण संवाददाता, अयोध्या : रामजन्मभूमि परिसर के मंदिरों के निर्माण की पूर्णता पर 23 से 25 नवंबर तक आयोजित होने जा रहे ध्वजारोहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सम्मिलित होंगे। यह जानकारी राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष व मंदिर के ट्रस्टी नृपेंद्र मिश्र ने पत्रकारों से बातचीत में सार्वजनिक की। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि समारोह को वृहद व ऐतिहासिक बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें दस हजार से अधिक अतिथियों को आमंत्रित किया जा रहा है। जागरण ने दो दिन पूर्व ही प्रधानमंत्री के आगमन से संबंधित खबर प्रकाशित की थी, जिसमें बताया गया था कि पीएमओ ने ट्रस्ट महासचिव चंपतराय को अपनी सहमति दे दी है।
अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बुधवार को सरकिट हाउस में पत्रकारों को बताया कि राम मंदिर के शिखर पर फहराई जाने वाली धर्म ध्वजा का मंगलवार की शाम माक कराया गया। इसमें ध्वजा को ऊंचाई पर फहरा कर देखा गया है। अब गुरुवार को इस धर्म ध्वजा के रंग व आकार-प्रकार व ध्वजारोहण के दौरान बरती जाने वालीं सावधानियों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसमें यह देखा जाएगा कि ध्वजा को कितनी ऊंचाई पर किस तरह से फहराया जाए कि वह तेज हवा के बीच भी लहराती रहे और उसे क्षति न पहुंचे।
नृपेंद्र मिश्र का कहना था कि ध्वजारोहण समारोह वृहद होगा और इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आगमन होने जा रहा है, इसलिए इसमें जीरो टालरेंस, जीरो फेल्योर को लेकर सभी लोग सचेत हैं। श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि यह केवल राष्ट्र मंदिर नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय राम मंदिर बने। प्रधानमंत्री का उद्देश्य है कि सभी वर्ग, क्षेत्र और विचारधारा के लोग इस मंदिर को स्वीकार करें और गौरवान्वित महसूस करें। 25 नवंबर का दिन अयोध्या के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होगा। इस दिन प्रधानमंत्री मोदी राम मंदिर के शिखर पर 21 फीट ऊंचे ध्वज का ध्वजारोहण करेंगे।
यह ध्वजारोहण समारोह विवाह पंचमी की शुभ तिथि, यानी 25 नवंबर को आयोजित होगा। 21 से 25 नवंबर तक चलने वाले पांच दिवसीय वैदिक अनुष्ठान में अयोध्या और काशी के महा विद्वान वेदपाठी शामिल होंगे। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को ध्वज का स्वरूप, आकार रंग और प्रतीक चिन्ह तय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यहां पर 25 नवंबर को ध्वजारोहण के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी राम मंदिर निर्माण पूर्ण होने की घोषणा करेंगे। यह वही ऐतिहासिक यात्रा है, जिसका आरंभ 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन से हुआ था। रामलला 22 जनवरी 2024 को भव्य मंदिर में विराजमान हुए और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुख्य यजमान बने थे।
जागरण ने दो दिन पहले ही प्रकाशित की किया था पीएमओ के सहमति का समाचार |
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