क्या सच में फोन अपडेट करने से हो जाता है स्लो? ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं सच्चाई
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। एपल ने हाल ही में अपना सबसे बड़ा iOS 26 अपडेट जारी किया था। दूसरी तरफ Android 16 भी बहुत से डिवाइस के लिए जारी हो चुका है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि फोन अपडेट करने के बाद वह पहले जैसा फास्ट क्यों नहीं लगता? अक्सर कई यूजर्स ये शिकायत करते हैं कि सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद उनका डिवाइस काफी स्लो हो गया है, लेकिन क्या यह वाकई सच है या सिर्फ एक मिथक? तो चलिए आज इसी बारे में विस्तार से जानते हैं... विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पुराने डिवाइस पर कैसे असर डालता है नया अपडेट
दरअसल हर एक स्मार्टफोन ब्रांड समय-समय पर अपने मोबाइल्स के लिए सॉफ्टवेयर अपडेट जारी करते हैं। इन अपडेट्स का मकसद सिर्फ नए फीचर्स देना नहीं होता, बल्कि ये फोन की सुरक्षा को बेहतर करने और बग्स को फिक्स करने से लेकर सिस्टम परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने में भी मदद करते हैं। हालांकि, कभी-कभी ये अपडेट्स पुराने हार्डवेयर से लैस डिवाइस के लिए मुश्किल खड़ी कर देते हैं।
जी हां, हर नया अपडेट कई नए फीचर्स और ग्राफिक्स इंप्रूवमेंट्स भी लेकर आता है, जिनके लिए ज्यादा प्रोसेसिंग पावर और रैम की जरूरत पड़ने लगती है। ऐसे में कई बार पुराने प्रोसेसर या कम रैम वाले डिवाइस में ये अपडेट्स सिस्टम पर लोड को काफी बढ़ा देते हैं, जिसके कारण फोन की परफॉर्मेंस थोड़ी स्लो हो जाती है।
जानबूझकर डिवाइस को स्लो करती हैं कंपनियां?
हालांकि इसका सीधा मतलब ये नहीं कि कंपनियां जानबूझकर डिवाइस को स्लो करती हैं। Apple और Samsung जैसी दिग्गज कंपनियां पहले ही क्लियर कर चुकी हैं कि उनके अपडेट्स फोन की लाइफ बढ़ाने और सिक्योरिटी को और भी बेहतर करने के लिए होते हैं न कि उसे स्लो करने के लिए के लिए लाया जाता है।
इसके अलावा कई बार तो डिवाइस इसलिए भी स्लो लगने लगता है क्योंकि अपडेट के बाद सिस्टम नई फाइल्स और ऐप्स को री-ऑप्टिमाइज करने लगता है। इस काम को पूरा होने में प्रोसेस को कुछ दिन लग सकते हैं। इससे भी आपको परफॉर्मेंस कम लग सकती है।
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