पेसा एक्ट को आज मिल सकती है मंत्रिपरिषद की मंजूरी। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। पंचायती राज विभाग ने पेसा (पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम) नियमावली का संलेख तैयार कर लिया है।
बुधवार को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में इसपर सहमति मिलने की संभावना है। पेसा नियमावली लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और विशेष रूप से महिलाओं के सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
संलेख में ग्राम सभा के गठन, बैठकें आयोजित करने और इसके अधिकारों का विस्तृत विवरण शामिल है। कैबिनेट की इस बैठक में सचिवालय अनुदेश लागू करने पर भी निर्णय लिया जा सकता है।
कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग ने इस संबंध में संलेख तैयार कर मंत्रिमंडल सचिवालय को भेज दिया है। सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट बैठक के लिए मंत्रिमंडल सचिवालय और निगरानी विभाग को दो दर्जन से अधिक प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
झारखंड में लंबे समय से पेसा एक्ट लागू करने की तैयारियां चल रही थीं, जो अब अंतिम चरण में हैं। अधिकांश विभागों ने इससे संबंधित अभिलेखों पर सहमति दे दी है।
patna-city-politics,Patna City news, Congress National Committee, Patna meeting, Mallikarjun Kharge, Sonia Gandhi, Rahul Gandhi, Bihar politics, Sadaqat Ashram, CWC meeting Patna, Political event Bihar,Bihar news
कुछ विभागों ने अपने स्तर पर कमेटी गठित कर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। माना जा रहा है कि कैबिनेट बैठक से पहले सभी विभागों से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्राप्त हो जाएगा, जो इस कानून को लागू करने के लिए अनिवार्य है।
ग्राम सभा की बैठकें, नियम और प्रविधान
पेसा नियमावली के अनुसार ग्राम सभा का गठन होगा और प्रत्येक माह कम से कम एक बैठक आयोजित की जाएगी। ग्राम सभा के दसवें हिस्से या आधे सदस्यों की लिखित मांग पर ग्राम प्रधान को सात दिनों के भीतर बैठक बुलानी होगी।
बैठक के लिए कोरम हेतु ग्राम सभा के कुल सदस्यों का एक-तिहाई उपस्थित होना अनिवार्य होगा, जिसमें से एक-तिहाई महिलाएं होनी चाहिए। ग्राम सभा की अध्यक्षता परंपरागत रूप से मान्यता प्राप्त ग्राम प्रधान (जैसे मांझी, मुंडा, पाहन, महतो आदि) या उनके द्वारा नामित व्यक्ति करेगा।
यदि निर्धारित समय पर कोरम पूरा नहीं होता तो अध्यक्ष बैठक को अगली तिथि और समय के लिए स्थगित कर सकता है। ग्राम सभा की पहली बैठक से पहले अध्यक्ष को पंचायत समिति के सचिव द्वारा प्राधिकृत अधिकारी के समक्ष शपथ लेनी होगी।
सचिवालय अनुदेश में सुधार, संघ की मांगें मानी गईं
सचिवालय अनुदेश में संयुक्त बिहार के समय से चली आ रही विसंगतियों को दूर कर लिया गया है। झारखंड सचिवालय सेवा संघ इस मुद्दे पर आंदोलन की तैयारी कर रहा था, लेकिन उनकी मांगों पर विचार के बाद विरोध कम हो गया है। |