पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करके 14 लाख रुपये की वसूली कर ली (प्रतीकात्मक तस्वीर)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक में बेंगलुरु स्थित चिक्काबल्लापुर संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद के. सुधाकर की पत्नी प्रीति की \“डिजिटल अरेस्ट\“ के बाद अपने 14 लाख रुपये गंवा दिए। इस साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ बेंगलुरु पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करके 14 लाख रुपये की वसूली कर ली है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पुलिस के अनुसार, यह घटना 26 अगस्त को हुई थी। डिजिटल गिरफ्तारी एक साइबर धोखाधड़ी है जिसमें धोखेबाज पुलिस या प्रवर्तन एजेंसी के अधिकारियों के रूप में पहचान बनाते हैं और वॉट्सएप वीडियो कॉल से पीड़ितों को धमकी देते हैं। वह दावा करते हैं कि उन्हें आपराधिक मामलों में बुक किया गया है।
साइबर धोखेबाजों ने किया था कॉल
बेंगलुरु के बसवेश्वरनगर निवासी प्रीति (44) को मुंबई साइबर क्राइम पुलिस के अधिकारियों के रूप में पहचान बनाने वाले साइबर धोखेबाजों से एक वॉट्सएप कॉल मिला। धोखेबाजों ने उन्हें बताया कि उनके बैंक खाते से अवैध रूप से पैसे का ट्रांसफर हुआ है। उन्होंने कहा कि वे आरबीआई को सत्यापन के लिए पैसे भेजेंगे और 45 मिनट के भीतर उसे उनके खाते में वापस ट्रांसफर कर देंगे।
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धोखेबाजों ने कहा कि यदि उन्होंने बताए खाते में पैसे ट्रांसफर नहीं किए, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस ने बताया कि धमकी देकर उन्होंने शिकायतकर्ता के एचडीएफसी बैंक खाते से कुल 14 लाख रुपये एक अज्ञात यस बैंक खाते में ट्रांसफर करवा लिए और धोखाधड़ी की। शिकायतकर्ता ने \“गोल्डन ऑवर\“ के भीतर राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर भी कॉल की और शिकायत दर्ज कराई।
परिणामस्वरूप, आरोपित के खाते में ट्रांसफर की गई राशि को फ्रीज कर दिया गया। 3 सितंबर को 47वें एसीजेएम कोर्ट ने यस बैंक के अधिकारियों को फ्रीज की गई राशि को शिकायतकर्ता के खाते में वापस करने का आदेश दिया।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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