बोधगया विधानसभा बदलते समीकरणों की धरती, 2025 में किसका ताज
संवाद सूत्र, फतेहपुर (गया)। बोधगया विधानसभा सीट का इतिहास जितना पुराना है, उतना ही दिलचस्प भी है। 1957 में स्थापित यह सीट अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए आरक्षित है और गया लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। बोधगया, टनकुप्पा और फतेहपुर प्रखंडों की पंचायतों को मिलाकर यह निर्वाचन क्षेत्र बना है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
फतेहपुर एवं टनकुप्पा प्रखंड बोधगया विधानसभा क्षेत्र की राजनीति का निर्णायक क्षेत्र माना जाता हैं। वर्ष 2008 के परिसीमन बदलाव में फतेहपुर विधानसभा को समाप्त कर इसे बोधगया में जोड़ दिया गया, जबकि वजीरगंज को मोफसील विधानसभा में सम्मिलित कर दिया गया। इससे पहले फतेहपुर विधानसभा में फतेहपुर, टनकुप्पा और वजीरगंज क्षेत्र शामिल था।
वैचारिक विविधता की मिसाल
अब तक हुए 18 चुनावों में यहां के मतदाताओं ने कभी वामपंथ, कभी दक्षिणपंथ, तो कभी समाजवादी और मध्यमार्गी विचारधाराओं को चुना। राजद पांच बार, सीपीआई तीन बार, कांग्रेस दो बार, भाजपा दो बार, जनसंघ, लोजपा और निर्दलीय उम्मीदवार एक एक बार यहां से जीत चुके हैं। चुनाव परिणाम यह बताता है कि बोधगया के मतदाता परिस्थिति और कामकाज को देखकर चुनाव में अपना फैसला तय करते हैं।bhojpur-politics,Bihar news, Patna news, Bihar elections 2025, NDA seat sharing, Mahagathbandhan seat allocation, Ara constituency, Bhojpur district elections, Bihar political alliances, BJP JDU alliance, RJD CPIML coalition, Bihar assembly elections, Indian political news,Bihar news
जातीय समीकरण और ग्रामीण मुद्दे
यहां अनुसूचित जाति की आबादी करीब 36% है, जो जीत हार का मुख्य आधार तय करती है। मुस्लिम मतदाता लगभग 07% और बाकी वोटर अन्य पिछड़ा वर्ग और सवर्ण समुदाय से आते हैं। 92% ग्रामीण मतदाता होने के कारण चुनावी मुद्दे हमेशा गांवों की बुनियादी सुविधाओं पानी, सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा के इर्द गिर्द ही घूमते हैं।
मौजूदा हालात
वर्तमान विधायक कुमार सर्वजीत (राजद) लगातार दो बार जीत चुके हैं। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को यहां बढ़त मिली थी, जिससे 2025 का विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है। राजद हैट्रिक बचाने की कोशिश करेगा, जबकि एनडीए इस सीट पर कब्ज़ा जमाने को पूरी ताकत लगाएगा। बोधगया विधानसभा सिर्फ एक राजनीतिक सीट नहीं, बल्कि बिहार की सियासत का आईना है। बोधगया, टनकुप्पा और फतेहपुर प्रखंडों में फैला यह क्षेत्र हर चुनाव में नई दिशा और नया संदेश देता है। 2025 विधान सभा का जब चुनावी बिगुल बजेगा, तब यहां मुकाबला और ज्यादा दिलचस्प होगा। इस बार दलित और ग्रामीण मतदाताओं के मुद्दे तय करेंगे कि बोधगया विधानसभा से इस बार कौन विजयी होगा।
बोधगया विधानसभा के निर्वाचित प्रतिनिधि (1957–2020)
- 1957 : शांति देवी (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
- 1962 : कुलदीप महतो (स्वतंत्र पार्टी)
- 1967 : रमेश्वर मांझी (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
- 1969 : काली राम (भारतीय जनसंघ)
- 1972 : बालिक राम (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी)
- 1977 : राजेश कुमार (जनता पार्टी)
- 1980 : बालिक राम (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी)
- 1985 : राजेश कुमार (लोक दल)
- 1990 : बालिक राम (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी)
- 1995 : मालती देवी (निर्दलीय)
- 1998 (उपचुनाव) : जी. एस. रामचंद्र दास (राष्ट्रीय जनता दल)
- 2000 : जीतन राम मांझी (हम
- 2005 (फरवरी/अक्टूबर) : फूलचंद मांझी / हरि मांझी (भारतीय जनता पार्टी, अक्टूबर विजेता)
- 2009 (उपचुनाव) : कुमार सर्वजीत (लोक जनशक्ति पार्टी)
- 2010 : श्यामदेव पासवान (भारतीय जनता पार्टी)
- 2015 : कुमार सर्वजीत (राष्ट्रीय जनता दल)
- 2020 : कुमार सर्वजीत (राष्ट्रीय जनता दल)
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