भोजपुर में राजग की फिल्डिंग सजी, महागठबंधन में असमंजस
कंचन किशोर, आरा(भोजपुर)। विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के दिन करीब आ रहे हैं। राजग और महागठबंधन में भले ही अभी सीटों के तालमेल की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन जिला स्तर पर तालमेल के परिदृश्य साफ हो रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
भोजपुर में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में यहां की सातों सीटों पर तालमेल की स्थिति लगभग साफ हो गई है और आलाकमान से हरी झंडी मिलने के बाद उसी के अनुसार विधानसभा स्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलन हो रहे हैं। सम्मेलन में जहां से जिस दल को लड़ना है, वह कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहा है। हालांकि, महागठबंधन में अभी सीटों के तालमेल को लेकर असमंजस है और गठबंधन के स्तर पर विधानसभा में सभी दलों के समन्यवय स्तर पर अभी कार्यक्रमों की शुरुआत तक नहीं हुई है।
राजग में जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों में तालमेल की स्थिति पिछले विधानसभा चुनाव का कॉपी-पेस्ट है। गठबंधन में जुड़ने के बाद लोजपा(रामविलास) की यहां से कम से कम एक सीट पर दावेदारी की चर्चा थी, लेकिन पार्टी के लिए अबतक कोई सकारात्मक संदेश नहीं मिले हैं। 2020 के चुनाव में भोजपुर की सात सीटों में से चार पर भाजपा और तीन पर जदयू ने उम्मीदवार दिए थे। इनमें जदयू को सभी सीटों पर हार मिली थी, जबकि भाजपा ने दो सीटों पर सीट हासिल की थी।
पिछले साल तरारी विधानसभा में मिली जीत के बाद भाजपा के विधायकों की संख्या यहां से तीन हो गई। 2020 के चुनाव में भाजपा ने बड़हरा, आरा सदर, शाहपुर और तरारी से अपने उम्मीदवार उतारे थे। इनमें केवल आरा सदर से पूर्व मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह और बड़हरा से पूर्व मंत्री राघवेंद्र प्रताप सिंह ही पार्टी की नैया को पार घाट लगा सकें। तरारी और शाहपुर से पार्टी को हार मिली थी।Patna City news,Bihar elections 2025,women voters,political parties,NDA,Mahagathbandhan,Nitish Kumar,election analysis,women empowerment,voting trends, Bihar Mahasamar, Bihar Assembly Election 2025
पिछले साल तरारी के उप चुनाव में भाजपा ने जिले के कद्दावर नेता सुनील पांडेय के पुत्र विशाल प्रशांत पर दांव लगाया और जिले में सीटों के गणित को दुरुस्त कर लिया। वहीं, जदयू ने जगदीशपुर, संदेश और अगिआंव सुरक्षित क्षेत्र से अपने उम्मीदवार दिए थे। इस बार भी जो सहमति बनी है, उसमें भाजपा और जदयू इन्हीं सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। संदेश और जगदीशपुर से जदयू के उम्मीदवार भी लगभग तय हो गए हैं।
अगिआंव सुरक्षित क्षेत्र में पार्टी से उम्मीदवार को लेकर दो नामों पर चर्चा तेज है। इनमें से एक पार्टी से पूर्व विधायक रह चुके हैं, जबकि दूसरे जिस नाम पर चर्चा है, वह राज्य स्तरीय आयोग के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। भाजपा की ओर से भी अपने हिस्से के चारों सीट पर फिल्डिंग सजा दी गई है, लेकिन उम्मीदवार के नाम पर अभी असमंजस है।
महाठबंधन में सीटों को लेकर असमंजस
महागठबंधन में पार्टी स्तर पर अभी किसी सीट से सक्रियता नहीं दिख रही है। संदेश, शाहपुर और बड़हरा में राजद का दावा लगभग तय रहने से यहां प्रखंड स्तर पर पार्टी की बैठक हो रही है। वहीं, अगिआंव और तरारी से भाकपा माले की उम्मीदवारी तय मानी जा रही है और पार्टी अपने स्तर से सक्रिय है। पिछले चुनाव में भाकपा माले आरा सदर से और जगदीशपुर से राजद ने चुनाव लड़ा था। इन दो सीटों पर इस बार महागठबंधन से दलों की दावेदारी पर सस्पेंस है।
जगदीशपुर राजद की जीती हुई सीट है, लेकिन कांग्रेस को लेकर पेंच फंसा है। अंदरखाने से सूचना है कि कांग्रेस आरा सीट पर दावा कर रही है। उसका तर्क है कि इस सीट से पिछले दो चुनावों में भाकपा माले हार चुकी है और अब उसे मौका मिलना चाहिए। अब कांग्रेस का दावा माना जाता है, तो माले को संतुष्ट करने के लिए राजद को बड़ा त्याग करना पड़ सकता है। हालांकि, दोनों गठबंधनों में आशा और अपेक्षा राज्य स्तर पर होने वाले सीटों के तालमेल पर निर्भर करता है। |