रियल एस्टेट सेक्टर में अदाणी जल्द ही उत्तर भारत के सबसे बड़े जमीन हिस्से और चुनिंदा प्रीमियम प्रोजेक्ट्स पर नियंत्रण पा सकती है।
नई दिल्ली। अदाणी ग्रुप कर्ज में डूबी जयप्रकाश एसोसिएट्स (JAL) को खरीद रहा है। इस प्रक्रिया के आगे बढ़ने के साथ ही, रियल एस्टेट सेक्टर में यह माना जा रहा है कि अदाणी रियल्टी जल्द ही उत्तर भारत के सबसे बड़े जमीन हिस्से और चुनिंदा प्रीमियम प्रोजेक्ट्स पर नियंत्रण पा सकती है। यह कदम अदाणी समूह की उत्तर भारत के रियल एस्टेट बाजार में आधिकारिक और मजबूत एंट्री माना जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कितनी जमीन पर मिलेगा नियंत्रण?
डील से जुड़े लोगों के अनुमान के मुताबिक, अदाणी समूह को करीब 3,500-4,000 एकड़ तक की जमीन और उससे जुड़े प्रोजेक्ट्स का नियंत्रण मिल सकता है। यह जमीन नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास और जेपी स्पोर्ट्स सिटी क्षेत्र में फैली हुई है। ये आंकड़े बाजार के अनुमान और पहले के दिवालिया मामलों पर आधारित हैं। अदाणी या कर्जदाताओं की ओर से कोई आधिकारिक संख्या साझा नहीं की गई है।
अदाणी को क्या मिलेगा?
यह डील अदाणी रियल्टी को एक रेडी-टू-यूज प्लेटफॉर्म देगी, यानी जहां दूसरे डेवलपर्स को सालों लगते, वहां अदाणी तुरंत उत्तर भारत में बड़े पैमाने पर प्रोजेक्ट्स शुरू कर सकती है।
JAL के पास बड़े क्षेत्रफल में कई जमीन, हजारों ऐसे आवासीय यूनिट्स जो अधूरे पड़े हैं। प्रीमियम होटल और रिसॉर्ट्स और जेपी स्पोर्ट्स सिटी जैसी प्रॉपर्टी शामिल हैं, जो अदाणी समूह के पोर्टफोलियो को काफी व्यापक बना देंगी।
बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (Formula 1 Track) भी क्यों चर्चा में?
जेपी ग्रुप के विकसित बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (BIC) उत्तर भारत की सबसे बड़ी स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्रॉपर्टी है। वर्तमान में YEIDA इसका नियंत्रण रखता है (अदायगी न होने की वजह से), लेकिन JAL की देनदारी सुलझने पर इस क्षेत्र के पुनर्विकास और बड़े पैमाने पर मॉनेटाइजेशन की संभावना बढ़ सकती है। सर्किट के आसपास का इलाका स्पोर्ट्स टूरिज्म, बड़े आयोजन, मिक्स्ड-यूज़ डेवलपमेंट और लॉजिस्टिक्स के लिए विकसित किया जा सकता है।
अदाणी के लिए यह सौदा क्यों महत्वपूर्ण है?
अदाणी ग्रुप पहले से ही डेटा सेंटर, इन्फ्रास्ट्रक्चर और शहरी सेवाओं में तेजी से विस्तार कर रहा है। यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास है, जिससे बड़े औद्योगिक और डिजिटल इंफ्रा प्रोजेक्ट्स के लिए यह आदर्श स्थान बन जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, अदाणी की मजबूत वित्तीय स्थिति से सालों से अटके हुए जेपी प्रोजेक्ट्स में गति आ सकती है।
घर खरीदारों के लिए क्या राहत?
जेपी के कई प्रोजेक्ट सालों से अटके हुए हैं और लाखों घर खरीदार प्रभावित हुए हैं। यदि अदाणी समूह की योजना NCLT से मंज़ूरी पाती है, तो नए निवेश और बेहतर प्रबंधन से अपूर्ण परियोजनाओं की गति तेज़ होने की उम्मीद है। हालांकि, अंतिम राहत इस बात पर निर्भर करेगी कि देनदारियों का विभाजन कैसे होता है और स्वीकृत योजना में खरीदारों के अधिकार किस तरह संरक्षित किए जाते हैं।
क्यों बन सकती है यह डील उत्तर भारत की सबसे बड़ी रियल्टी कहानी?
यह अधिग्रहण केवल एक कंपनी खरीदने का मामला नहीं है। यह अदाणी रियल्टी को एनसीआर के सबसे प्रतिस्पर्धी बाजार में मजबूत उपस्थिति, विशाल भूमि बैंक, इंफ्रास्ट्रक्चर वाली प्रॉपर्टी और तेज विस्तार की क्षमता एक साथ देता है। |