cy520520 • The day before yesterday 17:40 • views 604
सांकेतिक तस्वीर।
संवाद सहयोगी, जागरण, बहजोई। इस बार दिसंबर की शुरुआत ने मौसम के स्वभाव को बदल दिया है और पिछले वर्षों की तुलना में तापमान में दो से तीन डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि अटकलें है कि कहीं यह जलवायु परिवर्तन के संकेत तो नहीं है जिससे दिन के मौसम में गर्माहट बरकरार है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पिछले वर्ष के दिसंबर के पहले सप्ताह के सापेक्ष दो से तीन डिग्री बढ़ा तापमान
जिले में वर्ष 2024 के दिसंबर के पहले सप्ताह में अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था जबकि इस बार दिसंबर 2025 की शुरुआत में अधिकतम तापमान 24 से 25 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 12 से 13 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है। जिससे स्पष्ट है कि न्यूनतम और अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री की वृद्धि दर्ज हुई है।
पिछले साल छाया था इस महीने घना कोहरा
पिछले वर्ष इस अवधि में घना कोहरा छाया रहता था जिससे वातावरण में नमी और सर्दी का स्तर अधिक था और यही नमी गेहूं जैसी फसलों की बढ़वार के लिए लाभकारी थी लेकिन इस बार पश्चिमी विक्षोभ का हल्का असर छोड़ दें तो लगातार बनी गर्माहट ने कोहरे को दस्तक नहीं देने दी है, जिसके कारण प्रकृति के तापमान चक्र में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। बढ़ा हुआ तापमान ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को दर्शाता है, जिसकी वजह से सामान्य सर्दी पीछे खिसक रही है।
पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष तापमान का बढ़ना और कोहरे का न आना मौसम में बदलाव का संकेत है। इस बदलाव से कृषि और पर्यावरण दोनों पर असर होने की संभावना रहती है, हालांकि किसान सिंचाई पर ध्यान दें तो बेहतर रहेगा। डा. अच्युत यादव जिला आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ, संभल।
गेहूं और सरसों के लिए मौसम अनुकूल, अभी नहीं दिख रहा नुकसान
बहजोई। कृषि विशेषज्ञों की माने तो मौसम की इस देरी का असर रबी फसलों पर पड़ने की संभावना रहती है क्योंकि गर्माहट की वजह से नमी कम होती है जड़ों की मजबूती प्रभावित होती है और कीट रोगों का खतरा बढ़ता है हालांकि जिले में बदलते मौसम को लेकर किसानों की चिंता के बीच कृषि रक्षा अधिकारी ने राहत भरी जानकारी दी है कि वर्तमान तापमान गेहूं और सरसों की फसल के लिए नुकसानदायक नहीं है बल्कि परिस्थितियां फिलहाल लाभकारी बनी हुई हैं।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी व उप कृषि निदेशक अरुण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि वर्तमान मौसम गेहूं और सरसों दोनों फसलों के लिए अनुकूल है, सरसों की फसल के लिए सबसे बड़ा खतरा कोहरा है जो इस समय नहीं आ रहा है। इसलिए सरसों की बढ़वार अच्छी रहेगी वहीं कोहरा गेहूं के लिए लाभकारी होता है लेकिन अभी तत्काल इसकी आवश्यकता नहीं है।
फिलहाल सिंचाई जरूरी है, जिससे मिट्टी की नमी बनी रहे हल्की बारिश हो जाए तो दोनों फसलों को और फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि तापमान में बढ़ोतरी से फसलों को कोई नुकसान नहीं है,इसलिए किसान समय पर सिंचाई और प्रबंधन करें मौसम अभी दोनों फसलों के विकास के लिए उपयुक्त बना हुआ है। |
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