सुपौल में चला प्रशासन का बुलडोजर। (जागरण)
संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल)। सोमवार को भपटियाही बाजार में प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चलाया।
इस दौरान सरकारी जमीन पर वर्षों से अवैध रूप से बनी कई दुकान और घरों को ध्वस्त कर दिया गया। जैसे ही बाजार में बुलडोजर की इंट्री हुई, दुकानदारों में अफरा-तफरी मच गई।
कुछ लोगों ने आनन-फानन में अपनी दुकानों का सामान हटाना शुरू किया, लेकिन देखते ही देखते कई दुकानें बुलडोजर की चपेट में आ गईं।
दोपहर 12 बजे के बाद अंचलाधिकारी धीरज कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी अच्युतानंद, थानाध्यक्ष संजय कुमार दास पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे और पूरे अभियान की निगरानी करते रहे। प्रशासन की सख्ती के कारण किसी भी प्रकार का विरोध या हंगामा नहीं हो सका। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना न हो। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दुकानदारों की आखों में आए आंसू
इस कार्रवाई के दौरान सबसे अधिक परेशानी छोटी दुकानों में व्यापार करने वाले लोगों को हुई। कई वर्षों से रोजी-रोटी चला रहे दुकानदारों की दुकानें हटने से उनका रोजगार छिन गया। कुछ दुकानदारों की आंखों में आंसू भी देखे गए।
अंचलाधिकारी ने कहा कि सरकारी जमीन पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार बाजार के दोनों ओर स्थित सरकारी जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराया जा रहा है ताकि बाजार में लगने वाला जाम खत्म हो सके और आमलोगों को आवागमन में सुविधा मिल सके।
उन्होंने कहा कि बार-बार बाजार में जाम की समस्या को लेकर शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद यह कार्रवाई जरूरी हो गई थी।
अंचलाधिकारी ने कहा कि जिन स्थानों से घर एवं दुकान हटाए गए हैं, यदि वहां दोबारा अतिक्रमण किया गया तो संबंधित लोगों पर जुर्माना लगाया जाएगा और निर्माण को फिर से तोड़ दिया जाएगा।
प्रशासन के आदेश का करें पालन
उन्होंने सभी लोगों से अपील की कि वे प्रशासन के आदेश का पालन करें और सरकारी जमीन पर दोबारा किसी भी तरह का निर्माण न करें। इस कार्रवाई के बाद भपटियाही बाजार में सड़क के दोनों ओर जगह खाली हो गई है, जिससे आने वाले दिनों में यातायात व्यवस्था बेहतर होने की उम्मीद जताई जा रही है।
हालांकि, जिन लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ है, उनके सामने अब नई आजीविका की चुनौती खड़ी हो गई है। स्थानीय सामाजिक संगठनों का कहना है कि प्रशासन को अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ प्रभावित दुकानदारों के पुनर्वास की दिशा में भी पहल करनी चाहिए, ताकि उन्हें दोबारा कारोबार शुरू करने का अवसर मिल सके। |