राजगीर महोत्सव की तैयारियां पूरी। फाइल फोटो
संवाद सहयोगी, राजगीर। आगामी 19, 20 व 21 दिसंबर को स्टेट गेस्ट हाउस परिसर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय राजगीर महोत्सव में फिर, बॉलीवुड स्टार सिंगर्स व स्थानीय लोकगीत कलाकारों की सुरीली आवाज गूंजेंगी। वहीं मंच से तीन दिनों के कार्यक्रमों की प्रस्तुति देने वाले नामी गिरामी कलाकारों का भी जमावड़ा लगेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या के साथ वहीं ग्राम श्री मेला, व्यंजन, पुस्तक, खादी ग्रामोद्योग सहित अन्य स्टाल के अलावे विभिन्न झूलों से मेला सजेगा। महोत्सव की तैयारियों को लेकर जिला शासन की कवायद तेज हो चुकी है। और जिला शासन व पुलिस की मैराथन बैठकों का दौर भी जारी है।
बता दें कि राजगीर महोत्सव का सफरनामा काफी उतार चढ़ाव तथा खट्टी मीठी यादों के दौर से गुजरा है। जो काफी दिलचस्प है। राजगीर महोत्सव की परिकल्पना खजुराहो नृत्य महोत्सव से प्रभावित होकर पर्यटन विभाग ने पर्यटकों को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन नगरी राजगीर के पर्यटन के प्रति आकर्षित करने के लिए राजगीर महोत्सव का आयोजन किया गया था।
1986 में शुरू हुई थी परंपरा
इसका उदघाटन सन् 4 मार्च 1986 मे बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दूबे, राज्य शिक्षा मंत्री सुरेंद्र प्रसाद तरुण व पर्यटन विभाग के मंत्री एच के एल भगत ने संयुक्त रूप से किया था।
प्रथम महोत्सव भारतीय नृत्य कला मंदिर तथा पर्यटन विकास निगम के साझा प्रयास से प्रारंभ हुआ था। जिसका नाम राजगीर नृत्य महोत्सव रखा गया। तत्पश्चात लगातार द्वितीय राजगीर नृत्य महोत्सव 03 मई 1987, तृतिय नृत्य महोत्सव 1988 मे 25 से 27 फरवरी तक हुआ, मगर 1989 मे लगातार दो बार क्रमशः 10 से 12 मार्च तथा 03 से 05 नवंबर तक मनाया गया। और इसी वर्ष से इसका नाम राजगीर महोत्सव कर दिया गया।
यह महोत्सव प्रारंभ से लेकर 1989 तक राजगीर शहर से 5 किमी दूर स्थित चंद्रवंशियों के कुलदेवता व मगध सम्राट जरासंध के अखाड़े के समीप स्थित सोन भंडार परिसर मे आयोजित होता रहा, ताकि राजगीर के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को रेखांकित किया जा सके. परंतु शहर से सुदूरवर्ती वनक्षेत्र मे आयोजन स्थल के कारण दर्शक वहां पहुंच नहीं पाते थे। नतीजतन 1989 के बाद राजगीर महोत्सव के आयोजन पर ग्रहण लग गया।
1995 में मिला नया जीवन
पुन: सन् 1995 मे राजगीर महोत्सव को पुनर्जीवित करने का प्रयास तत्कालीन नालंदा जिलाधिकारी डा० दीपक प्रसाद की पहल से हुआ। बिल्कुल नये परिवर्तित स्वरुप मे मलमास मेला परिसर स्थित यूथ होस्टल मैदान के मुक्ताकाश मंच पर राजगीर महोत्सव का आयोजन 24 से 26 अक्तूबर के बीच आयोजित हुई और यही तिथि भविष्य मे आयोजित होने वाले महोत्सव के लिए भी तय कर दी गई।
फिर राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकारों के जमावड़ा लगने से यह महोत्सव एकाएक नई चमक दमक के साथ, देशी विदेशी पर्यटकों के अलावे सभी वर्ग के लोगों को अपनी ओर खींचने मे जो सफलता प्राप्त की।
सन् 1997 के महोत्सव मे अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सोनल मानसिंह, माध्वी मुदगल व कमलिनी ही नहीं। बल्कि फिल्मी मायानगरी की स्वप्न सुंदरी अभिनेत्री हेमा मालिनी ने बेहतरीन प्रस्तुति देकर देशी विदेशी पर्यटक व दर्शकों का मन मोह लिया।
इसी प्रकार से 1998 मे विश्व विख्यात बांसुरी वादक पंडित हरि प्रसाद चौरसिया, सुविख्यात भजन सम्राट अनूप जलोटा व फिल्म अभिनेत्री अर्चना जोगलेकर ने राजगीर महोत्सव के आकर्षण और विकास मे सार्थक भूमिका निभाई।
वहीं स्थानीय निवासियों को जागरुक कर महोत्सव मे उनके सक्रिय सहभागिता के तहत इसी वर्ष से तत्कालीन जिलाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने, महोत्सव स्थल परिसर मे ग्राम श्री मेले, टांगा दौड़ व मल्लयुद्ध का आयोजन भी शुरु हुआ। जिसमे स्थानीय एवं जिले के कलाकारों के लिए कला मंडप का निर्माण कराया गया।
बढ़ रहा महोत्सव का स्वरूप
समय के साथ इस महोत्सव के स्वरुप व विभिन्नता मे इजाफा होने लगा। जिसमे दर्शक दीर्घा मे पांव रखने भर की जगह नही बचती थी। फिर बीच मे आयोजन के आमंत्रण पत्र के अभाव मे अन्य दर्शकों पर पाबंदी ने महोत्सव की छवि को प्रभावित किया। और यह आकर्षक होते हुए भी दर्शक जुटा पाने मे असफल साबित होने लगा।
किंतु 2010 मे तत्कालीन जिलाधिकारी संजय अग्रवाल ने अपने रचनात्मक दृष्टिकोण से महोत्सव स्थल के लिए अजातशत्रु के किला मैदान का चयन करते हुए सभी कार्यक्रम स्थल को समेटकर इसे मेले का रुप दे दिया। और इसे सभी के लिए सुलभ बनाया। तब एक बार पुन: लड़खड़ाता राजगीर महोत्सव आनंद का खजाना साबित हुआ। जिसमें भोजपुरिया गायकों को भी जोड़ा गया।
जिसमें पारंपरिक आयोजन मे शुमार मल्लयुद्ध, टांगा दौड़ व पालकी सज्जा के अलावे इसे विविधताओं का महोत्सव बनाने के लिए विद्यार्थियों का साईकिल रेस, चित्रकला, मेहंदी, म्यूजिक चेयर, नाट्य मंचन, गीत संगीत, खेल कूद, भवन व प्रतिष्ठान साज सज्जा आदि प्रतियोगिता तथा कृषि मंडप, व्यंजन मेला, बच्चों के लिए विभिन्न झुलों इत्यादि के माध्यम से महोत्सव एक मेले का रुप ले चुका है, जहां बच्चों से लेकर वृद्धों यानि हर वर्ग के मनोरंजन व सीखने के लिए काफी कुछ था।
नामचीन हस्तियों से जुड़ता था मंच
पहले संध्या समय मे मुख्य मंच नामचीन कलाकारों के लिए बुक हुआ करता था। मगर दिन मे यही मंच स्थानीय प्रतिभावान कलाकारों के लिए सुलभ कराया गया है। ताकि स्थानीय कलाकार इस अंतर्राष्ट्रीय मंच से अपने कला को निखार व स्वयं को प्रोत्साहित कर सके।
महोत्सव में सात दिवसीय ग्राम श्री मेला, व्यंजन मेला, कृषि मेला, फन जोन, लोक कला प्रदर्शनी, लघु उद्योग हस्तनिर्मित व कुटीर उद्योग आदि के स्टाॅल लगाने वालों को रोजगार मिलने लगा। जिसमें उन्हें अच्छी खासी आमदनी होने लगी।
वहीं मंच से बाॅलीवुड के नामी गिरामी प्ले बैक सिंगर के अलावे नृत्य संगीत के विश्वप्रसिद्ध कलाकारों द्वारा जादूई शमां और सांस्कृतिक संध्या से लोग रु ब रु होने लगे। इस प्रकार से महोत्सव के मंच को हिंदी सिनेमा के पार्श्व गायकों मे शान, जसविंदर नरुला, अलका याग्निक, कैलाश खेर, सुखविंदर सिंह, विनोद राठौड़, अदनान सामी, उदित नारायण, पंकज उद्यास ने अपनी उपस्थिति से महोत्सव को भव्यता प्रदान किया था।
वहीं वर्ष 2017 के 25 से 27 नवंबर के बीच राजगीर महोत्सव का आयोजन किसी कारणवश अजातशत्रु किला मैदान में न करके अंतरर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया। जिसमें साउथ इंडियन और बालीवुड के सुविख्यात पार्श्वगायक हरिहरण ने मंच से प्रस्तुति दी। जबकि राजगीर महोत्सव 2018 में बालीवुड की सुप्रसिद्ध पार्श्वगायिका अनुराधा पौडवाल व उनकी सुपुत्री कविता पौडवाल ने अपनी आवाज शाम सुरमयी बनाईं थी।
जबकि 2019 के महोत्सव की मंच की शाम ग़ज़ल सम्राट पंकज उद्यास के नाम रही थी। यहां बता दें कि इससे पहले भी पंकज उद्यास राजगीर महोत्सव में शिरकत कर चुके हैं। फिर वैश्विक महामारी कोरोना काल के दौरान 2020 तथा 2021 में राजगीर महोत्सव आयोजन पर पुनः ग्रहण लगा।
वर्ष 2022 से फिर शुरू हुआ सिलसिला
वर्ष 2022 महोत्सव की निर्धारित तिथि 29, 30 नवंबर व 01 दिसंबर थी। जिसमें बालीवुड स्टार सिंगर शान, शास्त्रीय नृत्यांगना ममता शर्मा, निजामी ब्रदर्स के कव्वाली व इंडियन आईडल फेम सलमान अली ने महफ़िल सजाई थी।
2023 में प्लेबैक सिंगर जावेद अली के अलावे दीपाली सहाय और ऐश्वर्य निगम प्रमुख कलाकार थे। जबकि 2024 में जिनमें मुख्य रूप से जुबिन नौटियाल, मैथिली ठाकुर, और पवनदीप और अरुणिता (इंडियन आइडल फेम) जैसे लोकप्रिय नाम शामिल थे। जबकि 2025 के महोत्सव की तैयारियों के साथकलाकारों का चयन जिला शासन द्वारा की जा रही है। |