फाइल फोटो।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली-एनसीआर की खराब गुणवत्ता वायु वाले सभी आंकड़ों के उलट बयान दिया है। उन्होंने एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र के कार्यक्रम में कहा, \“राजधानी ने दीवाली मनाई और वायु गुणवत्ता को बनाए रखा।\“ उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या \“एक विरासत में मिली समस्या\“ है, जिसे हल करने के लिए कोई \“जादू की छड़ी\“ नहीं है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दरअसल, गुरुवार को सीएम एक कार्यक्रम में शरीक हुईं। वहां उन्होंने एक सवाल के जवाब में दावा किया है, “दीवाली मनाई और वायु गुणवत्ता को बनाए रखा“। हालांकि, उनका यह बयान कई मॉनिटरिंग एजेंसियों के आधिकारिक आंकड़ों से मेल नहीं खाता, जिनके अनुसार दिल्ली ने इस बार पांच साल में सबसे खराब पोस्ट-दीवाली वायु गुणवत्ता दर्ज की।
बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, दीवाली के अगले दिन सुबह औसत पीएम 2.5 स्तर बढ़कर 488 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पहुंच गया जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों से करीब 100 गुना अधिक है। यह स्तर दीवाली पूर्व की तुलना में 212 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी थी और 2020 के बाद से सबसे अधिक दीवाली के बाद प्रदूषण स्तर साबित हुआ।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, \“जनसंख्या बढ़ गई है, सड़कों पर ट्रैफिक बढ़ा है। ऐसे ही कई कारण हैं जो दिल्ली के प्रदूषण बढ़ाते हैं।\“ बता दें कि दीवाली की रात पटाखों के धुंए के कारण प्रदूषण एक समय 675 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया था जबकि सुप्रीम कोर्ट ने केवल \“ग्रीन क्रैकर्स\“ को सीमित दो घंटे की विंडो में जलाने की अनुमति दी थी लेकिन कई इलाकों में इस आदेश का पालन नहीं हो पाया।
उन्होंने दावा किया, “मैं दिल्ली के लोगों को आश्वस्त करती हूं कि पिछले 10 महीनों में दिल्ली सरकार ने जितना कर सकती थी, उतना बहुत तेज गति से किया।“ गौर करने वाला तथ्य यह भी है कि इस साल दीवाली पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 345 दर्ज किया गया, जो 2024 के 328 से अधिक है। वहीं, वर्ष 2023 के 218 व 2022 के 312 के मुकाबले भी काफी ज्यादा है।
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