राजधानी समेत प्रदेश में सात तक भारी वर्षा-तूफान की चेतावनी। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, पटना। आपदा प्रबंधन विभाग व मौसम सेवा केंद्र ने 4 से 7 अक्टूबर तक राजधानी पटना समेत प्रदेश के 17 जिलों में भारी वर्षा, वज्रपात व तूफान की चेतावनी जारी की है।
इस दौरान नदियों के जलस्तर में दोबारा वृद्धि की आशंका है। इससे नदियों के निचले हिस्से में बाढ़ का खतरा हो सकता है। आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी संबंधित एजेंसियों व जनता को सतर्क रहने एवं सुरक्षा के लिए आवश्यक दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
7 तक बादल छाए रहने व दिन में कई बार बारिश हो सकती है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, 7 अक्टूबर तक भारी वर्षा, वज्रपात, 40-60 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से आंधी-तूफान की आशंका जताई गई है।
इन जिलों में रेड अलर्ट
आपदा प्रबंधन विभाग ने मुजफ्फरपुर व पूर्वी चंपारण के लिए रेड अलर्ट और पटना, वैशाली, गया, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, औरंगाबाद, सीतामढ़ी, शिवहर, मुंगेर, भोजपुर, सीवान, सारण, अरवल, जहानाबाद, मधुबनी, खगड़िया व सहरसा के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
उत्तरी एवं पूर्वी भागों से भारी वर्षा होने के साथ उत्तर बिहार की नदियों के जल ग्रहण क्षेत्रों में अत्यंत भारी वर्षा होने की संभावना है। इसके फलस्वरूप उत्तर बिहार के नदियों के जलस्तर में वृद्धि और निचले स्तर में बाढ़ की आशंका है।
खराब मौसम में इन बातों का रखें ध्यान
- अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलें।
- पेड़, बिजली के खंभे या कमजोर आधारभूत संरचना के नीचे शरण नहीं लें।
- तटबंध क्षेत्र के निचले हिस्से में बसे नागरिक ऊंचे स्थान पर चले जाएं।
- नदी, तालाब, नहर या किसी भी जलस्रोत से दूर रहें और बच्चों को भी दूर रखें। - खुले खेतों में वर्षा व वज्रपात के समय कृषि कार्य नहीं करें।
- पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखें, खुले में नहीं बांधे।
आपातकाल में इन नंबरों पर करें फोन
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र का हेल्पलाइन नंबर 0612-2294204 व 205 - आपातकालीन सहायता नंबर 1070 - संबंधित विभाग मोबाइल व संचार माध्यमों को सक्रिय रखें। बिजली कटौती, पेयजल व परिवहन में व्यवधानों के लिए तैयार रहें। जरूरत पड़ने पर निकासी व राहत कार्य में सहयोग की तैयारी रखें।
रेड अलर्ट के मायने
रेड अलर्ट यानी सबसे गंभीर व खतरा बढ़ाने वाले मौसम की चेतावनी। मौसम विभाग के रेड अलर्ट जारी करने का अर्थ है कि अत्यधिक भारी बारिश, तेज तूफान या बाढ़ जैसी आपदा की स्थिति बेहद निकट है।
इस स्थिति में जीवन-संपत्ति को गंभीर खतरा हो सकता है। ऐसे में तत्काल सावधानी बरतने, घर से बाहर नहीं निकलने व आपदा प्रबंधन के निर्देशों का सख्ती से पालन करने की जरूरत होती है।
ऑरेंज अलर्ट का अर्थ
ऑरेंज अलर्ट का मतलब है कि भारी से अधिक वर्षा या तूफान की आशंका है। इसमें बाढ़, बिजली आपूर्ति व यातायात में बाधा, फसलों को नुकसान जैसे हालात उत्पन्न हो सकते हैं।
यह संकेत है कि स्थिति गंभीर हो सकती है और किसी भी आकस्मिक घटना के लिए लोगों को पूरी तैयारी रखनी चाहिए। |