प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। देश में पहली बार हो रही यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की 20वीं अंतर-सरकारी समिति की बैठक ऐतिहासिक होने वाली है। जिसके लिए लालकिला की सजावट दीपावली की तरह होगी, खास बात कि इस बैठक में यूनेस्को की धरोहर में दीपावली को भी शामिल किया जा सकता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह बैठक आठ से 13 दिसंबर तक लाल किले में आयोजित है। इसमें दुनिया भर के 180 देशों के एक हजार से ज्यादा मेहमान शामिल होंगे। जिसमें 10 दिसंबर को दीपावली पर प्रस्ताव रखा जाएगा।
यह देखना दिलचस्प होगा कि उक्त दिन दीपावली आधिकारिक तौर पर यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल होती है या नहीं, जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार से खास अनुरोध किया है कि 10 दिसंबर को राजधानी के बड़े-बड़े ऐतिहासिक स्मारकों पर पूरा दीपावली वाला माहौल बनाया जाए। सूत्रों के अनुसार, इस कांफ्रेंस में 78 देशों से अमूर्त धरोहरों के कुल 68 प्रस्ताव आए हुए हैं।
इस बैठक में बौद्ध मंत्रों के उच्चारण की प्रक्रिया, नवरोज महोत्सव व दुर्गा पूजा की प्रस्तुति के साथ ही कुंभ पर लघु फिल्म की प्रस्तुति होगी। देश के विभिन्न प्रांतों के मुखौटों को प्रस्तुत किया जाएगा। जबकि, भव्य हस्तशिल्प की प्रस्तुति के साथ बिक्री भी होगी। इसके लिए यूपीआइ से नगद रहित भुगतान का विशेष प्रविधान होगा।
फिलहाल, देश की 15 अमूर्त विरासत इस सूची में जगह बनाए हुए हैं। उसमें दुर्गा पूजा, पारसी महोत्सव नवरोज, योग, गरबा, कुंभ मेला, वैदिक मंत्रोच्चार, कलबेलिया नृत्य, वैदिक मंत्रोच्चार, रामलीला व छऊ नृत्य शामिल है। पूर्वांचलवासियों के लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा को अगले वर्ष बैठक में रखा जाएगा।
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