संवाद सूत्र, लखीमपुर। किसानों को राहत देने और फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए शासन ने दलहन-तिलहन की एमएसपी पर खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिलेभर में एक नवंबर से 29 जनवरी 2026 तक चलने वाली यह खरीद कुल 90 दिनों तक चलेगी। कृषि उपज के गिरते बाजार भाव को देखते हुए सरकार की यह पहल किसानों के लिए बड़ी संजीवनी मानी जा रही है। सहकारिता विभाग की तीन एजेंसियों पीसीएफ, पीसीयू और यूपीएसएस को जिम्मेदारी दी गई है कि वे बिना भेदभाव और बिना रुकावट खरीद प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित करें। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता रजनीश प्रताप सिंह ने बताया कि किसानों को एमएसपी का पूरा लाभ दिलाने के लिए जिले में अनेक केंद्र तैयार कर दिए गए हैं। पीसीएफ की ओर से सहकारी संघ झसिया लखीमपुर मंडी, बी-पैक्स कटिया (ब्लाक लखीमपुर) और बी-पैक्स बसहा (ब्लाक फूलबेहड़) को खरीद केंद्र बनाया गया है। वहीं पीसीयू ने बी-पैक्स सलाहपुर (मितौली) और सहकारी संघ रमियाबेहड़ में केंद्र स्थापित किए हैं। यूपीएसएस द्वारा बी-पैक्स गुलौली (मोहम्मदी) और यूकेएसएस चंदनचौकी (पलिया) में खरीद संचालित की जाएगी। अधिकारियों के अनुसार सभी केंद्रों पर आवश्यक कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है और तैयारियां पूर्ण हैं।
एमएसपी के तहत मूंग 8768 रुपये प्रति क्विंटल उड़द 7800 रुपये प्रति क्विंटल, मूंगफली 7263 रुपये प्रति क्विंटल और तिल 9846 रुपये प्रति क्विंटल के दर से खरीद की जाएगी। किसान पंजीकरण प्रमाणपत्र के साथ संबंधित केंद्र पर पहुंचकर अपना माल बेच सकते हैं। विभाग ने दावा किया है कि भुगतान प्रक्रिया पूरी तरह आनलाइन और पारदर्शी रहेगी। समय से भुगतान किसानों की पहली प्राथमिकता है, इस पर विशेष ध्यान दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि इस बार खरीद प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी, पक्षपात या तकनीकी त्रुटि नहीं होने दी जाएगी।
सहकारिता विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे निर्धारित अवधि में ही अपने उत्पाद क्रय केंद्रों पर लेकर आएं, जिससे उन्हें समर्थन मूल्य का पूरा लाभ मिल सके। किसी भी प्रकार की जानकारी या समस्या पर किसान सीधे पीसीएफ जिला प्रबंधक (9450030435), पीसीयू जिला प्रबंधक (8127000119) और यूपीएसएस जिला प्रबंधक (8874297707) से संपर्क कर सकते हैं।
सरकार की यह पहल ऐसे समय में की गई है जब दलहन-तिलहन की फसलों के दाम बाजार में अक्सर उतार-चढ़ाव का सामना करते हैं। ऐसे में एमएसपी पर खरीद किसानों के लिए आर्थिक सुरक्षा कवच साबित होगी। विभाग ने भरोसा दिलाया है कि खीरी जिले में इस बार खरीद प्रक्रिया न सिर्फ व्यापक होगी, बल्कि किसानों की परेशानी भी न्यूनतम रखी जाएगी। |