व्यापारियों के सहयोग से हरियाणा का एसजीएसटी संग्रहण 39 हजार 743 करोड़ तक पहुंचा।  
 
  
 
  
 
 राज्य ब्यूरो,  चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश के व्यापारियों से आह्वान किया कि वे केंद्र सरकार द्वारा कम की गई जीएसटी दरों का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की जनता को जीएसटी दरों में सुधार के माध्यम से बहुत बड़ा फायदा मिला है।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
  
 
 व्यापारियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे जीएसटी बचत उत्सव को आम जनमानस तक पहुंचाने में सहभागी बनें। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापारी वर्ग की बदौलत हरियाणा जीएसटी संग्रहण में अग्रणी राज्य बना है, जोकि 39 हजार 743 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि करों में कटौती से न केवल व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि उपभोक्ता भी सस्ते दामों पर वस्तुओं व सेवाओं का लाभ उठा पाएंगे।   
 
  
 
 सस्ते दाम, बढ़ता व्यापार और मजबूत अर्थव्यवस्था, यही जीएसटी उत्सव की मूल भावना है, जो हरियाणा को प्रगति के नए आयाम तक ले जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सुधारात्मक कदम आत्मनिर्भर भारत और मजबूत अर्थव्यवस्था की दिशा में ऐतिहासिक पहल है, जिसमें व्यापारी वर्ग की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।   
 
 मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लागू किए गए नए जीएसटी सुधारों से प्रदेश को बड़ा आर्थिक लाभ मिलेगा। इससे बाजार में रौनक बढ़ेगी और त्योहारी सीजन में उपभोग को नई गति मिलेगी। रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाले कई उपभोक्ता सामानों की कीमतों में कमी आई है, जिससे मध्यम वर्ग को अतिरिक्त बचत होगी।   
 
  
 
 नायब सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को आगे बढ़ा रहे हैं और स्वदेशी उत्पादों को अपनाने पर बल दे रहे हैं। जीएसटी में किए गए सुधार इस दृष्टि को साकार करने में अहम भूमिका निभाएंगे। मुख्यमंत्री ने व्यापारियों से कहा कि वे स्वदेशी उत्पादों का अधिक उत्पादन और प्रचार करें, ताकि उपभोक्ता स्थानीय वस्तुओं की खरीद को प्राथमिकता दें।   
 
  
 
 इससे न केवल घरेलू उद्योग को मजबूती मिलेगी, बल्कि राज्य और देश की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने बताया कि जीएसटी संग्रहण में हरियाणा ने लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। वर्ष 2018-19 में जहां राज्य का नेट एसजीएसटी संग्रह 18 हजार 910 करोड़ रुपये था, वहीं 2024-25 में यह आंकड़ा बढ़कर 39 हजार 743 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह उपलब्धि प्रदेश की मजबूत अर्थव्यवस्था और व्यापारियों के सहयोग की गवाही देती है। |