LHC0088 • 2025-12-4 11:37:05 • views 108
द्वारका बी वार्ड की विजेता प्रत्याशी मनीषा सहरावत को साथ लेकर निकाला गया जुलूस।
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। निगम उपचुनाव के दौरान द्वारका बी व दिचाऊं कलां वार्ड की सीट भाजपा प्रत्याशियों के नाम रहीं। द्वारका बी की सीट पर मनीषा सहरावत तो दिचाऊं कलां सीट पर रेखा रानी विजयी रहीं। इनमें द्वारका बी की सीट कमलजीत सहरावत के सांसद बनने व दिचाऊं कलां सीट नीलम कृष्ण पहलवान के विधायक बनने से रिक्त हुई थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सांसद और विधायक की प्रतिष्ठा बरकरार
द्वारका बी सीट पर जीत या हार सांसद के लिए व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का विषय था। सांसद कमलजीत सहरावत ने स्वयं इस सीट पर चुनावी प्रचार की बागडोर संभाली हुई थी। गांव गांव जाकर लोगों से जनसंपर्क करने के साथ साथ द्वारका की बहुमंजिला सोसाइटियों में जाकर लोगों से समर्थन की मांग करने में सांसद ने दिन रात एक किया हुआ था।
उधर दिचाऊं कलां की बात करें तो इस सीट से नीलम कृष्ण पहलवान की प्रतिष्ठा जुड़ी थी। नीलम ने दिचाऊं कलां वार्ड के अंतर्गत आने वाली तमाम कालाेनियों में जाकर जनसंपर्क अभियान को धार दी। द्वारका हो दिचाऊं एक तरह से दोनों नेताओं ने उम्मीदवारों के प्रचार को धार देने का काम किया।
इनकी तुलना में प्रतिद्वंद्वियों की तैयारी कमतर रही, जिसका नतीजा हार जीत के भारी अंतर से झलक रहा है। द्वारका बी में 9100 वोटों से तो दिचाऊं में 5637 मतों के अंतर से भाजपा उम्मीदवारों ने बाजी मारी।
समर्थकों ने मनाया जीत का जश्न
दोनों ही सीटों का मतगणना स्थल द्वारका सेक्टर तीन स्थित एनएसयूटी निर्धारित था। सुबह से यही प्रत्याशियों के समर्थक जुटने लगे थे। लेकिन कुछ ही राउंड के बाद जब यह तय हो गया कि जीत भाजपा की झोली में जा रही है तब एनएसयूटी के सामने केवल भाजपा के कार्यकर्ता ही शेष रह गए।
जीत का सर्टिफिकेट लेकर जैसे ही दोनों प्रत्याशी बाहर आईं, ढोल नगाड़ों की थाप पर इनका स्वागत किया गया। एनएसयूटी के बाहर हर जगह भाजपा समर्थक भाजपा का झंडा लहरा रहे थे। यहां जुटी भीड़ में बड़ी तादाद महिलाओं की थीं।
क्या-क्या चुनौतियां
नए निर्वाचित प्रत्याशियों के लिए तमाम तरह की चुनौतियां मुंह खोले खड़ी है। उपनगरी द्वारका की बात करें तो यह कूड़ा प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है। सुनियोजित उपनगरी होने के बाद भी यहां कूड़ा प्रबंधन का काम सही तरीके से करने में निगम विफल ही रहा है। कूड़ा प्रबंधन के अलावा पार्कों में हरियाली को कायम रखना, पेड़ों की छंटाई, स्ट्रीट लाइट जैसे मुद्दे पर इन्हें स्वयं को साबित करना होगा।
बेसहारा पशुओं की समस्या से भी इन्हें निपटना होगा। उधर दिचाऊं कलां सीट की बात करें तों कालोनियों में स्ट्रीट लाइट, कूड़ा प्रबंधन एक बड़ी समस्या है। जल निकासी का बेहतर इंतजाम भी इनके लिए प्राथमिकता होनी चाहिए। जो पार्क हैं, उन्हें हराभरा रखना, सड़कों की साफ सफाई जैसी चुनौतियों से इन्हें निपटना होगा। |
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