प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, देहरादून। शहर में तेज रफ्तार वाहनों पर अब शीघ्र ही लगाम कसने वाली है। यातायात पुलिस सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के लिए दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में 59 अत्याधुनिक स्पीड लिमिट वाइलेशन डिटेक्शन (एसएलवीडी) कैमरे लगाने जा रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इससे तेज रफ्तार वाहन चालकों पर तो कार्रवाई होगी ही, साथ ही हादसे के कारणों का भी पता चल सकेगा। यह कैमरे आईटी पार्क स्थित कंट्रोल रूम से जुड़ेंगे, जहां यातायात पुलिस की टीम इन कैमरों की निगरानी करेगी।
हादसों का मुख्य कारण होती है तेज रफ्तार
राजधानी में सड़क हादसों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। हादसों का मुख्य कारण तेज रफ्तार ही होता है। ऐसे में यातायात पुलिस तेज रफ्तार पर ब्रेक लगाने की योजना बना रही है। यातायात पुलिस ऐसे दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में एसएलवीडी कैमरे लगाएगी, जहां पर वाहन तेज रफ्तार से दौड़ते हैं।
इन स्थानों को ट्रैफिक पुलिस ने एक वर्ष में हुए सड़क हादसों, यातायात दबाव व सड़क चौड़ीकरण पैरामीटर के आधार पर चिह्नित किया है। यह कैमरे 24 घंटे सक्रिय रहेंगे और किसी भी वाहन का नंबर प्लेट, रफ्तार और नियम उल्लंघन को तुरंत रिकॉर्ड कर सर्वर पर भेज देंगे।
तेज रफ्तार से दौड़ने वाले इन वाहनों का ऑनलाइन चालान होगा। कुछ समय बाद ही चालान का मैसेज वाहन चालक तक पहुंच जाएगा। पुलिस के अनुसार शहर में ओवर स्पीडिंग हादसों की एक बड़ी वजह है।
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कई वाहन चालक रफ्तार का रोमांच दिखाने के चक्कर में जान जोखिम में डाल देते हैं। ऐसी स्थिति में एसएलवीडी कैमरे अहम भूमिका निभाएंगे। यह कैमरे खराब मौसम, रात के समय या कम रोशनी में भी सटीक रीडिंग देंगे।
शहर में लगे हुए हैं 336 कैमरे
पुलिस की ओर से विभिन्न जगहों पर 336 कैमरे लगाए गए हैं। वर्ष 2025 में जनवरी से सितंबर तक 1.52 लाख चालान किए गए। इनमें से 64,158 चालान कोर्ट को प्रेसित किए गए, जबकि 88,283 जुर्माने के चालान हुए। पुलिस के अनुसार जिन जगहों पर यह कैमरे लगे हैं, वहां पर तेज रफ्तार पर लगाम लगी है।
ओवर स्पीडिंग हादसों की एक बड़ी वजह है। ओवर स्पीडिंग पर लगाम लगाने के लिए 59 अत्याधुनिक कैमरे लगाए जा रहे हैं। कैमरे लगने के बाद जहां ओवर स्पीडिंग पर लगाम लगेगी, वहीं शहर के यातायात प्रबंधन में भी सुधार होगा। इससे भविष्य में सड़क सुधार की योजनाएं, ब्लैक स्पॉट पहचान व यातायात व्यवस्था को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
लोकजीत सिंह, पुलिस अधीक्षक, यातायात |