कोलकाता पुलिस होगी और हाईटेक। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। कोलकाता पुलिस अपनी दशकों पुरानी .303 राइफलों को धीरे-धीरे हटाकर उसकी जगह आर्डिनेंस फैक्ट्री तिरुचिरापल्ली की बनाई अत्याधुनिक असाल्ट राइफलें लेने वाली है।
नई त्रिची असाल्ट राइफलें (टीएआर), जो बल्गेरियन एआर- एम1 पर बनी हैं और जिन्हें एके-47 का देसी वर्शन बताया जा रहा है, अगले साल की शुरुआत में कोलकाता पुलिस को मिलने की उम्मीद है। कोलकाता पुलिस के डिप्टी कमिश्नर रैंक के एक अधिकारी ने कहा कि यह खेप अलग-अलग फेज में पहुंचेगी, और इसके तुरंत बाद वितरण शुरू हो जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वजन में काफी हल्की होती हैं ये राइफल
वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इसका सबसे बड़ा फायदा वजन है। पुरानी .303 राइफलों का वजन लगभग 5.5 किलो होता है, जबकि माडर्न असाल्ट राइफलें कम से कम दो किलो हल्की होती है।
यह राइफल सिंगल-शाट और बस्र्ट फायर दोनों को सपोर्ट करती है, जिससे 500 मीटर तक के टारगेट पर सटीक निशाना लगाया जा सकता है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, इसका हल्का माड्यूलर डिज़ाइन और फोल्डेबल बट इसे गार्ड और पेट्रोलिंग ड्यूटी के लिए भी काम का बनाते हैं।
कोलकाता पुलिस का आधुनिकरण की कोशिश
कोलकाता पुलिस अपने आधुनिकीकरण अभियान के तहत पुरानी .303 राइफलों को धीरे-धीरे हटाकर उनकी जगह फिलहाल इंसास और एसएलआर (सेल्फ-लोडिंग राइफल) इस्तेमाल कर रही है। अधिकारी ने कहा कि नई त्रिची असाल्ट राइफलें आजकल की पुलिसिंग की जरूरतों पर सटीक खड़ा उतरता है। बीएसएफ और सीआरपीएफ समेत कई केंद्रीय बलों ने इस अत्याधुनिक राइफल को शामिल किया है। यह अभी हमारी फोर्स के लिए सबसे अच्छा विकल्प है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नई त्रिची असाल्ट राइफलें का इस्तेमाल पूरे देश में देखा गया है। सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस साल की शुरुआत में एंटी-नक्सल आपरेशन के दौरान इस हथियार का इस्तेमाल किया था, जबकि राजस्थान, झारखंड और मध्य प्रदेश पुलिस ने भी इसे खरीदा है। टीएआर के अलावा, कोलकाता पुलिस राइफल फैक्ट्री, ईशापुर, कोलकाता से करीब 200 आटोमैटिक 9 एमएम 1ए पिस्टल खरीदेगी। अधिकारी ने कहा कि मध्य प्रदेश के टेकनपुर में टियर स्मोक यूनिट के नान-लीथल हथियार भी अपग्रेड लिस्ट में हैं। कई पुलिस अधिकारियों ने कहा कि ऐसे अपग्रेड न सिर्फ काबिलियत बल्कि हौसला भी बढ़ाते हैं।
कोलकाता पुलिस के साउथ-ईस्ट डिवीजऩ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर किसी को आतंकवादियों या हथियारबंद अपराधियों की गोलियों की बौछार का सामना करना पड़े, तो माडर्न हथियार जरूरी हैं। जमीन पर मौजूद जवान तब ज़्यादा आत्मविश्वास महसूस करते हैं जब उन्हें पता होता है कि वे अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं। |