जागरण संवाददाता, एटा। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सकीट के खंड कार्यवाह के विरुद्ध एक खेत मालिक ने एससीएसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया है। खंड कार्यवाह का आरोप है कि दरोगा मुकदमा न लिखने के लिए 10 हजार रुपये मांगता रहा। उसने कई बार यह मांग रखी। जब पैसे नहीं दिए तो खेत मालिक से मिलकर फर्जी मुकदमा लिखवा दिया, जबकि मारपीट की कोई घटना ही नहीं हुई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गांव कबार थाना क्षेत्र सकीट निवासी अनुसूचित जाति के सोवरन सिंह ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि आठ नवंबर को वह अपने खेत पर था, तभी खंड कार्यवाह सकतपुर निवासी चंद्र प्रताप सिंह ने पिटाई कर दी और जातिसूचक गालियां दीं। यह तहरीर आठ नवंबर को ही दे दी गई थी। खंड कार्यवाह का कहना है कि सोवरन उनके खेत की मेड़ काट रहा था तो सिर्फ मना किया था। मारपीट की कोई घटना ही नहीं हुई और न कोई गाली-गलौज हुई और उस दिन बात ही समाप्त हो गई थी, फिर भी वह तहरीर दे आया।
खंड कार्यवाह का कहना है कि उन्होंने पुलिस के समक्ष उस समय के गवाह भी पेश किए जब मेड़ काटने के लिए मना किया गया था। गवाहों ने भी पुलिस को बताया था कि मारपीट और गाली-गलौज की कोई घटना नहीं हुई। पीड़ित का कहना है कि सकीट थाने में तैनात दरोगा ने उनसे तीन बार 10 हजार रुपये मांगे और कहा कि मामला यहीं खत्म कर देंगे। पैसे नहीं दिए, रिपोर्ट दर्ज करा दी। इस घटनाक्रम के बाद हिंदू संगठन के लोगों में उबाल आ गया और वे मामले को उच्च स्तर पर ले जाने की तैयारी कर रहे हैं।
सवाल उठा रहे हैं कि जब आठ नवंबर को तहरीर दी गई तब क्यों मुकदमा दर्ज नहीं किया। दो दिसंबर को क्यों दर्ज किया गया। सीओ सकीट कृतिका सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज हुआ है, इसलिए विवेचना की जाएगी। अगर जांच में वे दोषी नहीं होंगे तो कार्रवाई नहीं होगी। |