प्रदूषण नियंत्रण के लिए एंटी स्मॉग से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। फाइल फोटो- जागरण
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। वायु प्रदूषण रोकने के लिए एंटी स्मॉग गन व मेंटीनेंस वैन आदि की अब ऑनलाइन निगरानी होगी। सभी में जीपीएस लगाया गया है और कंट्रोल रूम से नजर रखी जा रही है। इसका मकसद प्रदूषण को लेकर हो रहे प्रयासों में पारदर्शिता लाना है। ट्रायल के तौर पर यह व्यवस्था शुरू की जा चुकी है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मुख्यालय से इस सिस्टम को जोड़ा गया है। जहां से कर्मचारी हर समय इन पर नजर रख रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बता दें कि प्रदूषण रोकने के लिए पीडब्ल्यूडी ने राजधानी भर में 200 एंटी-स्मॉग गन तैनात की हैं। इनमें लाइव ट्रैकिंग सिस्टम बनाकर इन्हें हर समय चालू रखने के कुछ समय पहले निर्देश दिए गए थे। दरअसल कई कंपनियों ने एंटी-स्मॉग शुरू की हैं। जिनमें से हर एक के पास अलग-अलग मोबाइल एप्लीकेशन पर अलग-अलग लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम हैं, जिससे नेविगेट करना पीडब्ल्यूडी को मुश्किल हो रहा था।
कई तरह के गड़बड़ी के आरोप भी पिछले सालों में लगते रहे हैं। हाल ही में पीडब्ल्यूडी ने ट्रक पर फिट पानी छिड़कने वाली एंटी-स्मॉग गन किराये पर लेने का आर्डर जारी किए थे जिसमें से लगभग ट्रक सड़कों पर उतर चुके हैं। इस योजना के लिए सरकार ने 5.88 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है।
विभाग ने सभी ट्रकों को एक ही लाइव-ट्रैकिंग प्लेटफार्म पर लाने के निर्देश दिए गए हैं, जिसे वरिष्ठ अधिकारी मोबाइल फोन के जरिए देख सकते हैं। अधिकारियों ने कहा कि दो सौ एंटी-स्मॉग गन को रोजाना कम से कम 200 मीटर सड़क पर पानी का छिड़काव करने का काम सौंपा गया है। इसके अलावा 200 मेंटिनेंस वैन को साफ सफाई का काम सौंपा गया है।
इन कामों में सड़क वाले इलाकों से धूल हटाना, कर्ब चैनल और बेल माउथ की सफाई, मलबा हटाना शामिल है। इसके अलावा सड़क की धूल और गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए, मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनों से करीब 90 मीट्रिक टन सड़क की धूल इकट्ठा की गई है, तथा 1988 किलोमीटर सड़कें साफ की गई हैं।
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