deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

कांग्रेस ने सोनिया व राहुल के खिलाफ पुराने केस में नई FIR को बताया प्रतिशोध, संघवी ने साधा निशाना

cy520520 2025-12-2 01:08:22 views 104

  

कांग्रेस ने सोनिया व राहुल के खिलाफ पुराने केस में नई FIR को बताया प्रतिशोध (फाइल फोटो)



जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड के पुराने मामले में नई एफआइआर दर्ज किए जाने को प्रतिशोध और उत्पीड़न की कार्रवाई बताते हुए आरोप लगाया है कि मोदी सरकार असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए विपक्ष के शीर्ष नेताओं को निशाना बना रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

ईडी द्वारा दर्ज की गई नई एफआइआर को गैरकानूनी बताते हुए पार्टी ने कहा कि यह हथकंडा संसद के शीत सत्र से ठीक पहले उठाया गया है ताकि बिगड़ती आर्थिकी, बेरोजगारी, एसआइआर विवाद और विफल विदेश नीति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान हटाया जा सके।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि ईडी और भाजपा सरकार को ऐसा अपराध गढ़ने के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए, जहां कोई अपराध हुआ ही नहीं है।
कौन-कौन है कंपनी में शामिल?

उन्होंने नेशनल हेराल्ड प्रकाशित करने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के वित्तीय पुनर्गठन की प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए कहा कि यह संस्था अंग्रेजों के खिलाफ आदर्शवाद पर स्थापित हुई थी लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने पर कांग्रेस ने समय-समय पर एजेएल को 90 करोड़ रुपये कर्ज दिया।

इसके बाद कंपनी को ऋण मुक्त करने के लिए यंग इंडियन नामक एक गैर लाभकारी कंपनी बनाई गई जिसने उस ऋण को इक्विटी में बदला जोकि व्यावसायिक दुनिया में सामान्य प्रक्रिया है। सिंघवी ने बताया कि इस कंपनी में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और आस्कर फर्नांडिस जैसे कांग्रेसी नेता शामिल थे।

कर्ज इसे हस्तांतरित किया गया जिसके परिणामस्वरूप यंग इंडियन के पास एजेएल की 99 प्रतिशत शेयर हो¨ल्डग आ गई। उन्होंने कहा कि यंग इंडियन एक नाट फार प्राफिट कंपनी है, इसलिए न तो यह कोई लाभ कमा सकती है और न ही इसके निदेशकों को कोई वेतन मिलता है।
FIR की गई दर्ज

इस मामले में न तो धनराशि का लेनदेन हुआ, न कोई लाभ अर्जित किया गया और न ही किसी संपत्ति का हस्तांतरण हुआ। इसलिए मनी लांड्रिंग का सवाल ही नहीं उठता। ¨सघवी ने कहा कि नई एफआइआर के पीछे के प्रतिशोध-उत्पीड़न की मंशा स्पष्ट है, क्योंकि इस मामले में एक चार्जशीट पहले ही राउज एवेन्यू के स्पेशल कोर्ट में लंबित है।

इस मामले में सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट जाकर निजी शिकायत की थी और ईडी के कानून के मुताबिक इस मामले में कोई सरकारी शिकायत है ही नहीं तो ईडी की जांच की भूमिका बनती ही नहीं है। कांग्रेस नेता के अनुसार, इसी कानूनी कमजोरी को दूर करने के लिए जल्दबाजी में पार्टी के शीर्ष नेताओं के खिलाफ नई एफआइआर की गई है।

कर्नाटक में \“ब्रेकफास्ट पर चर्चा\“ का नया दौर, अब डीके शिवकुमार से मिलने जाएंगे सिद्दरमैया; क्या हैं मायने?
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
cy520520

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1210K

Credits

Forum Veteran

Credits
127204