मंडी की लेफ्टिनेंट सिमरन माता व पिता के साथ। सौ. परिवार
सहयोगी, कोटली (मंडी)। हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी की सिमरन भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट बनी हैं। दादा व पिता के नक्शे कदम पर चलकर कोट तुंगल निवासी सिमरन भारद्वाज ने 12 लाख रुपये का पैकेज छोड़कर सेना को चुना है। रविवार को हुई पासिंग परेड के बाद अब वह देश सेवा में तैनात होंगी।
उपमंडल कोटली के कोट तुंगल की रहने वाली सिमरन के दादा लालाराम भारद्वाज 14 डोगरा से हवलदार और पिता धर्मपाल डोगरा डोगरा स्काउट से सेवानिवृत्त हुए हैं। सिमरन की मां मीना देवी गृहणी हैं। उनके जीजा एयरफोर्स में पायलट हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
योल कैंट केंद्रीय विद्यालय में की पढ़ाई, हमीरपुर से बीटेक
पिता धर्मपाल डोगरा ने बताया कि सिमरन का सपना बचपन से ही सेना में जाने का था। उसकी जमा दो तक की पढ़ाई कोट के निजी स्कूल और योल कैंट केंद्रीय विद्यालय में हुई। इसके बाद उसने हमीरपुर एनआइआइटी में मैकेनिकल इंजीनियरंग में बीटेक की।
बीटेक के बाद गुरुग्राम में लगी 12 लाख की नौकरी
बीटेक करने के बाद यहां से उसकी मारुति कंपनी में 12 लाख रुपये के सालाना पैकेज पर दो साल गुरुग्राम में नौकरी लगी, लेकिन देश सेवा की भावना को देखते हुए उसने साथ में सेना में जाने के लिए तैयारी जारी रखी।
2024 में पास की स्टाफ सिलेक्शन बोर्ड परीक्षा
वर्ष 2024 में सेना के स्टाफ सिलेक्शन बोर्ड की परीक्षा पास की और उसके बाद दिसंबर 2024 में उसे ट्रेनिंग के लिए पत्र आया। जनवरी 2025 से केरल स्थित भारतीय नौसेना अकादमी में 30 नवंबर तक चले प्रशिक्षण के बाद अब उनका चयन नेवी में बतौर लेफ्टिनेंट हुआ है।
बेटी की सफलता पर घर में होगा कार्यक्रम
धर्मपाल ने बताया कि उनकी बड़ी बेटी शिल्पा स्वास्थ्य विभाग में हैं और दामाद एयरफोर्स में है। बेटा सक्षम एनआइआइटी हमीरपुर से पढ़ाई कर रहा है। बेटी के लेफ्टिनेंट बनने पर वह पांच दिसंबर को कार्यक्रम करेंगे और अपने देवी-देवताओं को जातर भी देंगे।
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