सरकार का उद्देश्य साल 2030 तक चंडीगढ़ को पूर्ण रूप से सोलर सिटी बनाना।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सरकार का उद्देश्य साल 2030 तक चंडीगढ़ को पूर्ण रूप से सोलर सिटी बनाना है ताकि आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण मिल सके। इसके लिए प्रशासन ने लोगों से सहयोग मांगा है।
पीएम सूर्य योजना को सफल बनाने के लिए सोमवार को प्रशासन और क्रेस्ट के अधिकारियों ने शहर की रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों के साथ बैठक की। बैठक महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, सेक्टर-26 के संगम ऑडिटोरियम में हुई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अधिकारियों ने बताया कि योजना केवल सीएचबी फ्लैटों तक सीमित नहीं है, इसे एमसी और एस्टेट ऑफिस के घरों में लागू करने की दिशा में भी काम तेजी से चल रहा है। इस मौके पर क्रेस्ट अधिकारियों ने लोगों से अपील की कि वह अपनी सोसाइटियों और रेजिडेंशियल एरिया में लोगों को सोलर सिस्टम अपनाने के लिए प्रेरित करें, क्योंकि आने वाले समय में सौर ऊर्जा अपनाना बेहद आवश्यक हो जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि हर बिलिंग रीडिंग के साथ मीटर यूनिट की फोटो ली जाती है ताकि पारदर्शिता बनी रहे। साथ ही अगले तीन महीनों में शहर में सीपीडीएल द्वारा मुफ्त में नए बिजली मीटर लगाए जाएंगे।
बैठक के अंत में क्राफेड के वाइस चेयरमैन कृष्ण सचदेवा ने कहा कि इस बैठक के सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को जनता तक पहुंचाना आवश्यक है ताकि सही और स्पष्ट जानकारी आम लोगों के पास पहुंचे। उन्होंने लोगों से अपील की कि शहर, पर्यावरण और भविष्य की पीढ़ियों के हित में सोलर ऊर्जा को अधिक से अधिक अपनाएं।
1500 नई कारों के लिए अतिरिक्त सब्सिडी का प्रस्ताव भेजा
रेजिडेंट उमा शंकर शर्मा द्वारा ईवी सब्सिडी रोकने के संबंध में पूछे गए सवाल पर अधिकारियों ने बताया कि साल 2020 में स्वीकृत दो हजार कारों की सब्सिडी पूरी हो गई है। अब 1500 नई कारों के लिए अतिरिक्त सब्सिडी प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है और मंजूरी मिलते ही आवेदनकर्ताओं को सीरियल नंबर के अनुसार सब्सिडी दी जाएगी।
कारगुजारी अभी संतोषजनक नहीं
इस समय पीएम सूर्य योजना के तहत कारगुजारी संतोषजनक नहीं है क्योंकि पिछले एक साल से इस योजना के तहत प्लांट लगाने का रिस्पांस ढ़ीला है। ऐसे में प्रशासन सोमवार को शहर की रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन और अन्य संस्थाओं के साथ बैठक की।
शहरवासियों से सुझाव भी लिए गए। पिछले साल से प्रशासन ने शहर का बिजली का निजीकरण किया है तब से शहर में पीएम सूर्य योजना के तहत सोलर पावर प्लांट लगाने की जिम्मेवारी भी सीपीएलडी कंपनी को दे दी गई है।
तीन किलोवाॅट का प्लांट लगाने का खर्चा सिर्फ 56 हजार
इस समय प्रधानमंत्री सूर्य योजना के तहत तीन किलोवाॅट का सोलर प्लांट लगाने पर 78 हजार रुपये की सब्सिडी केंद्र सरकार की ओर से दी जा रही है। तीन किलोवाट का सोलर पावर लगाने का खर्चा एक लाख 56 हजार रुपये है। यूटी प्रशासन की ओर से अतिरिक्त सब्सिडी देने का प्रस्ताव मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय को भेजा गया है।
प्रशासन ने निजी इमारतों पर साल 2026 के अंत तक सोलर पावर प्लांट लगाने का लक्ष्य रखा है। चंडीगढ़ रिन्यूएबल एनर्जी एंड साइंस एंड टेक्नोलाजी समिति (क्रेस्ट) के अनुसार अगर शहर की सभी निजी इमारतों पर सूर्योदय योजना के तहत प्लांट लग जाए तो 150 मेगावाॅट बिजली पैदा होना शुरू हो जाएगी। तीन किलोवाॅट का प्लांट लगने से हर माह 250 से 300 यूनिट बिजली पैदा होती है।
पीएम सूर्य योजना के तहत लगाने के लिए क्या करे
जो निवासी इस योजना में भाग लेना चाहते हैं, वह क्रेस्ट कार्यालय के माध्यम से या आधिकारिक पोर्टल pmsuryaghar.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं, या पीए सूर्य योजन एप डाउनलोड करके पंजीकरण कर सकते हैं।
योजना की विशेषताएं
- 25 वर्षों तक मुफ्त बिजली।
- अतिरिक्त बिजली से कमाई।
- ऊर्जा बिलों में कमी।
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