सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। देशभर में छावनी बोर्डों के चुनाव पांच साल से ज्यादा समय से न कराने और अनिर्वाचित पदाधिकारियों वाले निकायों पर शासन करने के लिए बार-बार अधिसूचनाएं जारी करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने फटकार लगाई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
संदीप तंवर की याचिका पर कोर्ट ने सरकार के रवैये पर टिप्पणी की कि हम एक लोकतांत्रिक समाज में रह रहे हैं और हमें लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित छावनी बोर्डों की आवश्यकता है।
मालूम हो कि भारत में 60 से ज्यादा छावनी बोर्ड हैं और ये छावनी के रूप में नामित क्षेत्रों के नगरपालिका प्रशासन का प्रबंधन करते हैं। इन बोर्डों के सदस्यों के चुनाव के लिए आखिरी चुनाव जनवरी 2015 में हुए थे और उन सदस्यों का कार्यकाल 2020 में समाप्त हो गया। |