28 नवंबर को मोतीझील से हटाया गया था अतिक्रमण, मगर फिर लग गया दुकानें। (जागरण)
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बीते एक सप्ताह से चल रहे अतिक्रमण के खिलाफ जिला, पुलिस एवं नगर निगम के संयुक्त प्रयास का बेहतर परिणाम नहीं मिल रहा है।
एसडीओ पूर्वी के नेतृत्व में जहां भी अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाया गया वहां फिर से अवैध दुकानें सज चुकी हैं। हालात फिर से पहले जैसे ही हो गई है।
हटाए गए स्थानों पर फिर से अतिक्रमण नहीं हो यह जिम्मेवारी संबंधित इलाके के थाना पुलिस की है, लेकिन वे अपनी जिम्मेवारी नहीं निभा रहे हैं। इससे प्रशासनिक मेहनत का परिणाम फिर शून्य की ओर जाता दिख रहा है।
बीते सप्ताह प्रशासन की टीम ने जाम से त्रस्त अघोरिया बाजार चौक को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए पचास से अधिक अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया था। दुकानदारों को फिर से अतिक्रमण करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी, लेकिन अभियान के दूसरे ही दिन फिर से वहां अवैध कब्जा हो गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिन लोगों को सड़क पर बनाए गए अवैध निर्माण को हटाने के लिए कहा गया था उन्होंने भी प्रशासन के आदेश को रद्दी की टोकरी में डाल दिया। दो दिन पूर्व मोतीझील में अभियान चलाकर स्थायी दुकानदारों द्वारा सड़क पर बनाई गई सीढ़ियों को तोड़ दिया था।
अभियान के दूसरे दिन दुकानदारों ने लकड़ी और लोहे की सीढ़ी लगा दी गई। अभियान दल को देखते वे उसे हटा लेते हैं और उनके जाने के बाद फिर से लगा देते हैं। कल्याणी के पास तो स्थायी दुकान रहते दो दर्जन दुकानदारों ने सड़क पर दुकान का सामान सजा लिया है।
अभियान दल को देखते हुए समान समेट लिया था। अभियान चलाकर मोतीझील पुल के नीचे बने वाहन पार्किंग स्थल को अवैध कब्जे से खाली कराया था, लेकिन दूसरे ही दिन वहां फिर से फुटपाथी दुकानदारों को कब्जा हो गया। इस प्रकार कुल मिलाकर अतिक्रमण अभियान का लाभ शहरवासियों को नहीं मिल पा रहा है।
अभियान का असर घंटा-दो घंटा भी नहीं दिख रहा। नगर आयुक्त एवं सीटी एसपी ने स्वयं सड़क पर उतर स्टेशन रोड को अतिक्रमण से मुक्त किया था लेकिन अभी आप जाकर देख सकते है, निगम कार्यालय के प्रवेश द्वार के दोनों तरफ अवैध दुकानें चल रही हैं। सड़क पर बेंच-कुर्सी लगाकर होटल चल रहा है।
अभियान के प्रभारी मनोज कुमार ने कहा कि लगातार अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चल रहा है, लेकिन जब तक हटाए गए स्थान पर फिर से दुकान लगने से नहीं रोका जाएगा इसका लाभ नहीं मिलने वाला है। |