प्रगति मैदान में इंटरनेशनल ट्रेड फेयर का अंतिम दिन खरीदारों की भारी भीड़ के साथ समाप्त हुआ। जागरण
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। प्रगति मैदान में कई दिनों से चल रहे इंटरनेशनल ट्रेड फेयर का जादू गुरुवार को खत्म हो गया। आखिरी दिन खरीदारों की ऐसी भीड़ उमड़ी कि हर कोना खचाखच भरा था। ऐसा लग रहा था जैसे हर कोई पूरे साल की अपनी पसंदीदा चीजें खरीदना चाहता हो। आखिरी दिन खरीदारों की भीड़ का अंदाजा लगाते हुए, देसी और विदेशी स्टॉल मालिकों ने कपड़ों की सेल और दूसरे प्रोडक्ट्स पर 10 से 60 परसेंट तक की भारी छूट दी, जिसका दिल्ली-NCR के खरीदारों ने खूब फायदा उठाया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विदेशी रंग, देसी वाइब्स
ट्रेड फेयर के आखिरी दिन लोगों में खरीदारी का जोश इतना था कि स्टॉल्स पर भीड़ कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी। महिलाओं की सबसे ज्यादा भीड़ थाईलैंड की आर्टिफिशियल ज्वेलरी के स्टॉल्स पर उमड़ी। तुर्की के रंग-बिरंगे लैंप और मोरक्कन स्टाइल की लाइटों ने अपनी शानदार चमक से दर्शकों का मन मोह लिया।
अफगान स्टॉल पर लोग सूखे मेवों का स्वाद लेते और उनके स्वाद और क्वालिटी पर चर्चा करते दिखे। चाहे महाराष्ट्र की पैठनी साड़ी हो, राजस्थान के हैंडीक्राफ्ट हों, या उत्तर प्रदेश की कारीगरी, हर स्टॉल पर दिन भर लोग भरे रहे। हिमाचल, नागालैंड और असम के पवेलियन भी ग्राहकों से भरे रहे। दिल्ली वाले भी खाने-पीने, कपड़े और घर की सजावट की हर चीज़ की खरीदारी में बिजी थे।
मेले के आखिरी दिन छोटे बच्चों और युवाओं का जोश भी देखने लायक था। ओखला की दसवीं क्लास की लड़कियों का एक ग्रुप फव्वारे के पास फोटो खिंचवाकर यादें संजोता दिखा, जबकि झज्जर के लड़कों का एक ग्रुप मस्ती के मूड में हॉल में घूमता दिखा। झज्जर के स्टूडेंट्स और युवाओं ने खासकर हरियाणा पवेलियन का दौरा किया, जहाँ उन्होंने “गांव की चौपाल“ का अनुभव किया और एक डिजिटल अंकल से कई सरकारी योजनाओं के बारे में जाना।
मेले के आखिरी दिन, अफगानिस्तान के बिजनेसमैन ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बिक्री उनकी उम्मीदों पर खरी उतरी है। हालांकि, सबके लिए तस्वीर एक जैसी नहीं थी। कुछ स्टॉल मालिकों ने बिक्री में थोड़ी गिरावट की बात कही। इस बीच, कलाकारों ने आखिरी दिन अपने डांस और सिंगिंग परफॉर्मेंस से दर्शकों का मन मोह लिया। |