एनसीआर मेडिकल कॉलेज परिसर में मौजूद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम। जागरण
जागरण संवाददाता, मेरठ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) के अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेने और गोपनीय जानकारी लीक करने के आरोपों के मामले में यहां हापुड़ रोड स्थित एनसीआर मेडिकल कालेज एंड रिसर्च सेंटर पर छापा मारा है। ईडी की टीम इस कालेज की असिस्टेंट मैनेजिंग डायरेक्टर व पूर्व एमएलसी डा. शिवानी अग्रवाल के साथ-साथ लेन-देन से जुड़े सबूत जुटाए के लिए स्टाफ से भी बातचीत की। उससे पहले टीम ने रिकार्ड रूम की तलाशी ली। कई अहम दस्तावेज, डिजिटल रिकार्ड कब्जे में लिए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गुरुवार को दोपहर करीब 12 बजे ईडी की टीम इस मेडिकल कालेज में पहुंची। ईडी की यह कार्रवाई सीबीआई के एसएसपी कमल सिंह चौधरी द्वारा 30 जून को नई दिल्ली में दर्ज कराई गई 225 एफआईआर के सिलसिले में नामजद 35 आरोपित के ठिकानों पर की रही हैं। इन्हीं आरोपितों में से एक इस कालेज की असिस्टेंट मैनेजिंग डायरेक्टर व पूर्व एमएलसी डा. शिवानी अग्रवाल है।
सीबीआई को एनसीआर मेडिकल कालेज में 50 सीट बढ़ाने का आवेदन करने के बाद उदयपुर (राजस्थान) स्थित गीतांजलि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार मयूर रावल और दिल्ली की एमएस टेक्निफाई साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रोजेक्ट हेड आर रणदीप नायर में बातचीत का सबूत डा. शिवानी अग्रवाल के मोबाइल में मिला है। मयूर रावल ने रायपुर (छत्तीसगढ़) के श्री रावतपुरा मेडिकल कालेज को निरीक्षण की तिथि बताई थी।
डा. शिवानी ने निरीक्षण की तिथि बताकर स्टाफ और डाक्टरों को छुट्टी से वापस बुलाया था। ईडी टीम ने सीबीआइ के इन्हीं प्रमाण को लेकर डा शिवानी अग्रवाल से पूछताछ की। टीम ने एक जुलाई को डा. शिवानी के आफिस व घर पर मारे गए सीबीआई के दौरान मिले डिजीटल रिकार्ड के बारे में भी बातचीत की। ज्ञात हो कि सीबीआई की इस कार्रवाई के चलते एनएमसी ने एनसीआर मेडिकल कालेज समेत छह मेडिकल कालेजों में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जीरो ईयर घोषित कर दिया था। बाद मे हाईकोर्ट दिल्ली ने एनसीआर मेडिकल कालेज के मामले में एनएमसी के आदेश पर रोक लगा दी। |