मनरेगा मजदूर परिवार को 100 दिन का नहीं मिल रहा रोजगार (प्रदर्शन करते लोग- जागरण फोटो)  
 
  
 
  
 
संवाद सूत्र, कलायत। गांव शिमला में मनरेगा मजदूरों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जयंती पर अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए अभियान की शुरुआत की गई।  
 
मेट अनिल और सीमा ने बताया कि मनरेगा मजदूर परिवार को 100 दिन का रोजगार नहीं मिल रहा है। मुश्किल से 20-25 दिन का ही काम दिया जाता है। जबकि मनरेगा कानून स्पष्ट करता है कि हर मजदूर परिवार को साल में 100 दिन काम मिलना चाहिए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
रोजगार के आवेदन के 15 दिन के भीतर काम देना या बेरोजगारी भत्ता देना अनिवार्य है। सरकार और प्रशासन इन प्रावधानों की खुलेआम अवहेलना कर रहे हैं।  
 
  
 
मनरेगा मजदूर यूनियन नेताओं ने कहा कि गांधी जयंती अवसर पर ग्राम सभाएं आयोजित की जाती है। जबकि गांव शिमला में पंचायती राज विभाग द्वारा केवल कागजों पर ही ग्राम सभा की कार्रवाई करने की योजना बनाई जा रही थी।  
 
जब ग्राम सभा बिना मुनादी के खानापूर्ति के रूप में की जा रही थी तब सभी मनरेगा मजदूर पंचायत सचिवालय पहुंचे और अपनी आवाज बुलंद की।  
 
पंचायत कार्यालय से फोन कर बीडीपीओ रितू शर्मा को को मौके की स्थिति से अवगत कराया। बीडीपीओ के हस्तक्षेप के बाद ही मजदूरों की मांग का प्रस्ताव ग्राम सभा में प्रस्तुत किया गया। |