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मौदहा बांध में बनेगा बुंदेलखंड का पहला 49 मेगावाट का फ्लोटिंग सौर ऊर्जा प्लांट, नेडा विभाग ने शुरू की तैयारी

LHC0088 2025-11-27 02:20:05 views 1023

  

हमीरपुर स्थित मौदहा बांध जहां पर बनेगा बुंदेलखंड का पहला 49 मेगावाट का फ्लोटिंग सौर ऊर्जा प्लांट। जागरण



जागरण संवाददाता, हमीरपुर। नेडा विभाग की ओर से बहुत ही जल्द मौदहा बांध में बुंदेलखंड का पहला 49 मेगावाट का फ्लोटिंग सौर ऊर्जा प्लांट बनने वाला है। इस सौर ऊर्जा प्लांट में 49 मेगावाट बिजली तैयार होगी। प्लांट बांध के पानी में तैरता हुआ दिखाई देगा। शासन की मंशा के बाद से इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


नेडा विभाग के परियोजना प्रबंधक आरबी ओझा ने बताया कि शासन कि मौदहा बांध में फ्लोटिंग सौर ऊर्जा का प्लांट बनाने की मंशा है। इसके लिए अभी पत्राचार शुरू हुआ है। उन्होंने बताया कि यह बुंदेलखंड का अपनी तरह का पहला प्लांट होगा। इसके बनने से मौदहा बांध और भी आकर्षक होगा। पर्यटक भी आकर्षित होंगे। जलीय जीव-जन्तुओं को इससे कोई नुकसान नहीं होगा। इसमें शासन को ज्यादा धनराशि भी नहीं खर्च करनी होगी। फ्लोटिंग सौर ऊर्जा पावर प्लांट पानी की सतह पर सौर पैनल स्थापित करके बिजली उत्पन्न करने का सिस्टम है। पैनल विशेष फालो फ्लोट संरचनाओं पर लगे होते हैं, जिससे वे जलाशय, नदी या तालाब में तैरते रहते हैं और सूर्य की रोशनी को सीधे बिजली में बदलते हैं।

कैसे काम करता है फ्लोटिंग सौर ऊर्जा प्लांट


  

  • सौर पैनल पानी के ऊपर तैरते प्लेटफार्म पर लगाए जाते हैं।
  • उत्पन्न हुई डीसी बिजली को इन्वर्टर से एसी में बदलकर ग्रिड में भेजा जाता है।
  • पानी की सतह पर रहने से पैनल ठंडे रहते हैं, जिससे उनकी दक्षता बढ़ती है और वाष्पीकरण कम होता है।


  
प्लांट के मुख्य फायदे

  

  • खेत या बस्ती के लिए जमीन नहीं लेता।
  • जलाशय की सतह पर छाया बनती है, पानी की हानि कम होती है।
  • ठंडा पानी पैनल की कार्यक्षमता बढ़ाता है।
  • कार्बन उत्सर्जन घटता है, जल-जीवों पर कम प्रभाव।
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