मौके पर जुटे लोग। (जागरण)
जागरण संवाददाता, धनबाद। पूजा टाकीज के पास जिला परिषद की ओर से जमीन की घेराबंदी के कार्य को रेलवे ने रोक दिया। इंजीनियरिंग विभाग और आरपीएफ की ओर से काम रुकवाने की घटना बुधवार शाम में हुई जिसे लेकर जमकर हंगामा हुआ। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
रेलवे और जिला परिषद के कर्मचारी आपस में भिड़ गये। घटना की सूचना मिलते ही जिला परिषद अध्यक्ष शारदा सिंह पहुंची। एसडीअएम व अंचलाधिकारी भी पहुंचे।
जिला परिषद अध्यक्ष ने कहा कि अंचलाधिकारी की रिपोर्ट के अनुसार जमीन जिला परिषद की है और यह जिला परिषद की खतियानी जमीन है। बावजूद चहारदीवारी निर्माण का काम रोकने रेलवे के कर्मचारी आ गये। रेलवे से जमीन के कागजात दिखाने की बात कही गई तो केवल मैप दिखाया गया।
हालांकि, रेलवे की ओर से सभी जमीन पर दावा किया गया। रेलवे का इंजीनियरिंग विभाग जमीन से जुड़े कागजात खंगालने में जुट गया है। एसडीएम ने इस मामले में दो दिनों का समय मांगा है।
डीआरएम को पहले ही सौंपे जा चुके जमीन के कागजात
जिला परिषद अध्यक्ष ने रेलवे की ओर से काम रोके जाने को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इस मामले में रेलवे ने कागजात उपलब्ध कराने का आग्रह किया था। जिला परिषद के कर्मचारी तीन दिनों तक चक्कर काटते रहे पर रेल अधिकारियों ने मामले पर गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि डीआरएम को सभी कागजात सौंपने के बाद भी कोई जवाब नहीं आया।
वर्षाें पहले लगा शिलापट्ट हो गया गायब
जिस जमीन को लेकर विवाद है, वहां वर्षाें पहले जिला परिषद का शिलापट्ट लगाया गया था। तत्कालीन जिला परिषद अध्यक्ष रोबिन गोराई समेत अन्य जनप्रतिनिधियों के नाम भी शिलापट्ट में लिखे थे। उस शिलापट्ट को भी तोड़ कर हटा दिया गया है।
रेल कोच रेस्टोरेंट के लिए ठेकेदार जमा कर चुका शुल्क, करा रहा था जमीन की सफाई
डीएवी स्कूल पुराना बाजार के बाद शहर में दूसरे रेल कोच रेस्टोरेंट के लिए पूजा टाकीज के पास की इसी जमीन का चयन किया गया है। रेलवे इसका टेंडर कई माह पूर्व ही जारी कर चुकी है। कोच रेस्टोरेंट के संचालन के लिए ठेकेदार रेलवे को शुल्क जमा भी चुका है। खटाल में तब्दील हो चुकी जमीन की साफ-सफाई भी ठेकेदार ने शुरू करा दी थी।
सफाई के बाद रेलवे ट्रैक बिछाए जाने थे, जहां ट्रेन का कोच खड़ा होता और उसी कोच में रेस्टोरेंट का संचालन शुरू होता। इस बीच जमीन को लेकर विवाद बढ़ गया। |