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फ्रॉड हुआ है... अकेले चेन्नई को मिले 220,000 H-1B वीजा, अमेरिकी दिग्गज के बयान से बवाल

cy520520 2025-11-26 20:37:52 views 472

  

अमेरिका के पूर्व रिप्रेजेंटेटिव डेव ब्रैट। जागरण ग्राफिक्स  



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के H-1B वीजा प्रोग्राम पर एक बार फिर संकट के बादल छाए हैं। दरअसल एक इकोनॉमिस्ट ने सिस्टम पर फ्रॉड का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि भारत में चेन्नई को पूरे देश में मिलने वाले कुल वीजा से दोगुने से ज्यादा वीजा मिले हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

अमेरिका के पूर्व रिप्रेजेंटेटिव डेव ब्रैट ने दावा किया है कि H-1B वीजा के लिए नेशनल लिमिट 85,000 है, जबकि चेन्नई को 220,000 वीजा मिले हैं, जो लिमिट से 2.5 गुना ज्यादा है।

एक पॉडकास्ट पर बोलते हुए, ब्रैट ने दावा किया कि H-1B सिस्टम इंडस्ट्रियल लेवल पर फ्रॉड में फंस गया है, जिसमें वीजा अलॉटमेंट कानूनी लिमिट से ज्यादा हो गया है। ब्रैट ने बताया कि 71 प्रतिशत H-1B वीजा भारत से आते हैं, जबकि सिर्फ 12 प्रतिशत चीन से आते हैं, जो इस प्रोग्राम का दूसरा सबसे बड़ा बेनिफिशियरी ग्रुप है।
चेन्नई को मिले 220,000 एच-1बी वीजा

पूर्व रिपब्लिकन सांसद ने कहा, \“इससे पता चलता है कि वहां कुछ चल रहा है। H-1B वीजा की लिमिट सिर्फ 85,000 है, लेकिन किसी तरह भारत के एक जिले को 220,000 वीजा मिल गए, जो अमेरिकी प्रशासन द्वारा तय की गई लिमिट से ढाई गुना ज्यादा है।\“

चेन्नई कॉन्सुलेट दुनिया के सबसे बिजी H-1B प्रोसेसिंग सेंटर्स में से एक है, जो तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना जैसे चार हाई-फुटफॉल इलाकों से एप्लीकेशन प्रोसेस करता है। ब्रैट ने इस मुद्दे को MAGA (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) के एंटी-इमिग्रेशन एजेंडा से जोड़ा और इसे अमेरिकी वर्कर्स के लिए खतरे के तौर पर पेश किया।
अमेरिकी अधिकारी ने लगाया धोखाधड़ी का आरोप

ब्रैट की यह टिप्पणी एक इंडियन-अमेरिकन डिप्लोमैट के इस दावे के कुछ दिनों बाद आई है। जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में H-1B वीजा वीजाीकेशन में इंडस्ट्रियल-स्केल फ्रॉड हुआ है।

2005 से 2007 के बीच चेन्नई कॉन्सुलेट में काम करने वाले महवश सिद्दीकी ने कहा था कि अकेले 2024 में अमेरिकी अधिकारियों ने हजारों नॉन-इमिग्रेंट वीजा जारी किए, जिसमें उनके परिवार के सदस्यों के लिए 220,000 H-1B और 140,000 H-4 शामिल थे।
वीजा आवंटन में धांधली का दावा

उन्होंने यह भी दावा किया कि भारतीयों को जारी किए गए ज्यादातर H-1B वीजा फ्रॉड थे, जो या तो नकली एम्प्लॉयर लेटर, नकली डिग्री या उन एप्लीकेंट के लिए प्रॉक्सी इंटरव्यू पर आधारित थे जो सच में बहुत स्किल्ड नहीं थे। सिद्दीकी ने यह भी दावा किया कि हैदराबाद में ऐसी कई जगहें हैं जो खुलेआम वीजा एप्लीकेंट को कोचिंग देती हैं और उन्हें नकली एम्प्लॉयमेंट लेटर और एजुकेशनल सर्टिफिकेट बेचती हैं।
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