बीमार महिला को पीठ पर लादकर अस्पताल ले जाते ग्रामीण। स्रोत सुधि पाठक
संवाद सूत्र, जागरण, नौगांव: ब्लाक मुख्यालय से मात्र डेढ़ से दो किमी दूरी पर स्थित सपेटा गांव आजादी के कई वर्षों के बाद भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित है। विडंबना है कि जहां अधिकांश लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है, विकास से कोसों दूर है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मूलभूत सुविधाएं नहीं
लोगों को सड़क, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी कई मूलभूत सुविधाओं न मिलने के चलते खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण आपात स्थिति में मरीज को आज भी पीठ, कंधे या डंडी कंडी के सहारे उठाकर अस्पताल तक पहुंचाते हैं।
मरीज को पहुंचाया अस्पताल
सपेटा गांव के सामाजिक कार्यकर्ता सोबन सिंह राणा, सोबेंद्र सिंह, बचन सिंह आदि ने बताया कि गत रविवार को सपेटा गांव की 80 वर्षीय केदारी देवी की अचानक तबीयत खराब हो गई, जिसे गांव के लोगों की मदद से पीठ पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया गया।
रोज पैदल चलते छात्र-छात्राएं
बताया कि इस क्षेत्र से पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को हर रोज पैदल चलकर करीब दो किमी का सफर तय करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि गांव में सड़क मार्ग तो अभी दूर की बात है, लेकिन जो पैदल चलने योग्य रास्ते हैं, उनकी हालत भी बदतर है।
शासन-प्रशासन से की मांग
खड़ी चढ़ाई के रास्तों पर घोड़े खच्चर चलाना भी खतरे से खाली नहीं है। इन पहाड़ी रास्तों में कई जगह पर लोगों को पैदल चलने में काफी दिक्कत होती है। ग्रामीणों शासन-प्रशासन से गांव में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है।
यह भी पढ़ें- उत्तरकाशी में ओपन टनल के ऊपर हो रहे भूस्खलन के उपचार को भेजा प्रस्ताव, तांबाखाणी सुरंग को लेने की कवायद जारी
यह भी पढ़ें- गंगोत्री हाईवे के चौड़ीकरण पर अपडेट, उत्तरकाशी से भैरोंघाटी तक अब सिर्फ इतने मीटर ही चौड़ी होगी रोड |